सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका पर महाराष्ट्र प्राधिकरण को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में मांगा जवाब
नई दिल्ली। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के मामले में आरोपी के घर और दुकान पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर महाराष्ट्र प्राधिकरण से जवाब मांगा है।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने की शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने आरोपी के घर और दुकान पर बुलडोजर कार्रवाई की थी।
याचिकाकर्ता ने इसे सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर, 2024 के फैसले का उल्लंघन बताते हुए अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि बिना कारण बताओ नोटिस और सुनवाई के ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि बिना कारण बताओ नोटिस और पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिए बिना संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र प्राधिकरण को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में 15 वर्षीय किशोर और उसके परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस आरोप के बाद परिवार ने दावा किया है कि उनका बेटा पढ़ाई के लिए मदरसे में जाता था। उसकी क्रिकेट खेलने या देखने में कोई भी रुचि नहीं है।
इस मामले में पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार किया था और उनके बेटे को किशोर बोर्ड के सामने पेश किया गया था। इसके बाद अवैध रूप से बनी उनकी दुकान को महाराष्ट्र प्राधिकरण ने बुलडोजर से गिरा दिया था। लड़के के पिता कबाड़ के कारोबारी हैं।