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सुप्रीम कोर्ट ने एंटीलिया मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को जमानत देने से किया इनकार

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया को 2021 में बम से उड़ाने की साजिश रचने और व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले के आरोपित और पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को कोई राहत नहीं दी है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने प्रदीप शर्मा को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने अंतरिम जमानत के लिए अलग से अर्जी दाखिल करने की मांग को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 2 जून को नियत की है। प्रदीप शर्मा की ओर से कहा गया कि इस मामले में वह दो सालों से जेल में बंद हैं। याचिकाकर्ता की पत्नी का 2015 में गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के लिए ऑपरेशन किया गया था। अभी उनको गंभीर समस्या है। उनका वजन 6 किलो कम हो गया है। शर्मा की ओर से मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत देने की मांग की गई।

सुनवाई के दौरान एएसजी एसवी राजू ने कहा कि प्रदीप शर्मा की पत्नी नियमित रूप से अस्पताल में उनसे मिलने आती रही हैं। मेरे पास इसका रिकॉर्ड भी है। तब कोर्ट ने पूछा कि अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की मांग वाली अर्जी में आप अंतरिम जमानत कैसे ले सकते हैं। आपकी अर्जी में अंतरिम जमानत के लिए कोई प्रार्थना नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आप अंतरिम जमानत के लिए उचित आवेदन दाखिल करें।

दरअसल, 23 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसको उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। प्रदीप शर्मा को मुंबई के स्पेशल एनआईए कोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसको बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया को फरवरी 2021 में बम से उड़ाने की घटना की जांच कर रही एनआईए का आरोप है कि प्रदीप शर्मा उस गिरोह का सक्रिय सदस्य था, जिसने अंबानी सहित अन्य को डराने की साजिश रची थी। चूंकि हिरेन को अंबानी परिवार को डराने की साजिश का पता था, जिसके चलते उसकी मार्च 2021 में हत्या कर दी गई। एनआईए के मुताबिक शर्मा ही हिरेन की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता था। उसने हिरेन की हत्या करने में अपने पूर्व सहयोगी सचिन वाझे की मदद की थी। इस मामले में वह जून 2021 में गिरफ्तार किया गया था। फ़िलहाल वह जेल में बंद है।

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