सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ‘डंकी’ एजेंट की अग्रिम जमानत
नई दिल्ली, 16 जून । सुप्रीम कोर्ट ने डंकी रूट से युवक को अमेरिका भेजने का वादा कर धोखाधड़ी करने के आरोपित को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस उज्जवल भुइयां की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कहा कि आप लोगों की वजह से भारतीय पासपोर्ट का महत्व कम हो गया है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने न केवल युवक को धोखा दिया, बल्कि उसे अमानवीय परिस्थितियों में अमेरिका की सीमा से लगे कई देशों की यात्रा भी कराई, ताकि वह वैध रुप से अमेरिका में प्रवेश कर सके। ऐसे में आरोपों को गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।
याचिका हरियाणा निवासी ओमप्रकाश ने दायर की थी। इसके पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि शिकायतकर्ता के पिता ने अपने बयान में कहा कि याचिकाकर्ता ने उससे 22 लाख रुपये की ठगी की है।
याचिकाकर्ता ओमप्रकाश मुख्य आरोपित का सहयोगी था और वह बतौर एजेंट काम कर रहा था। उसने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया था कि वह 43 लाख रुपये का भुगतान करने पर उसे वैध तरीके से अमेरिका भेज देगा। हरियाणा पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि मुख्य आरोपित ने शिकायतकर्ता को सितंबर, 2024 में दुबई भेजा और वहां से पनामा के जंगलों से होते हुए मेक्सिको भेजा। एक फरवरी को एजेंटों ने युवक को अमेरिकी सीमा पार करा दी। इसके बाद अमेरिकी पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 16 फरवरी को युवक को भारत भेज दिया गया।