सरकारी अधिकारियों को कोर्ट में तलब करने के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा सुप्रीम कोर्ट
- पेश होने के दौरान अधिकारी की वेशभूषा पर भी निर्देश जारी कर सकती है कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सरकारी अधिकारियों को कोर्ट में तलब किए जाने को लेकर दिशा-निर्देश तय करेगा। केंद्र ने सुझाव दिया था कि जरूरी हो तभी अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहना चाहिए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह कोर्ट में पेश होने के दौरान अधिकारी की वेशभूषा पर भी निर्देश जारी कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने 16 अगस्त को अदालती कार्यवाहियों में सरकारी अधिकारियों की पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक ड्राफ्ट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) सौंपा था। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोर्ट को अधिकारियों को अपवाद स्वरूप ही समन करना चाहिए। ये कोई रूटीन प्रकिया नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने एसओपी कोर्ट के सामने रखते हुए कहा है कि इसका लक्ष्य न्यायपालिका और सरकार संबंधों में सुधार लाना है।
केंद्र सरकार के ड्राफ्ट एसओपी में कहा गया है कि पेशी के लिए उचित वक्त मिले और पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो, तो ज्यादा बेहतर है। एसओपी के मुताबिक कोर्ट पेशी के दौरान सरकारी अधिकारियों की ड्रेस, उनकी सामाजिक, शैक्षणिक पृष्ठभूमि पर टिप्पणी न करे। सरकार के रुख से अलग कोर्ट में दिये बयान के लिए सरकारी वकील पर अवमानना की कार्रवाई न हो। एसओपी में कहा गया है कि सरकार को अमल के लिए वाजिब वक्त मिले। केंद्र सरकार ने कहा है कि नीतिगत मामलों को सरकार को ही भेजें।