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हिंदू राष्ट्र की बात करना संविधान का उल्लंघन : नीतीश

पटना, 16 मई : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि भारत के लिए हिंदू राष्ट्र की बात करना संविधान का उल्लंघन है।

श्री कुमार ने मंगलवार को यहां 43.76 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित ‘कर भवन’ के साथ ही कई अन्य भवनों का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर कहा कि आजादी की लड़ाई कौन लोग लड़े थे। आजादी मिलने के बाद सभी की सहमति से देश का संविधान बना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत सभी लोगों ने नामकरण किया। उसे सबों को स्वीकार करना चाहिए, उसको बदलना नहीं चाहिए। आजकल यह सब देखकर मुझे आश्चर्य होता है।

मुख्यमंत्री ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली वाले देश भर की मीडिया पर कब्जा किये हुए हैं, इस कारण इन सब चीजों का प्रचार होता है। देश के नाम को आपलोग बदल दीजिएगा। अभी जो लोग बोल रहे हैं उनका जन्म भी आजादी की लड़ाई के समय नहीं हुआ था। हमलोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों को मानते हैं। उसी के आधार पर हमलोग विकास का काम कर रहे हैं। आप किसी भी धर्म को मानिए और अपने ढंग से उसे कीजिए। इसमें कोई रुकावट नहीं है। राम हों या कृष्ण हों, जिनको मानना है, वे मानें, इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं है। किसी भी धर्म को मानना है, वे मानें।

श्री कुमार ने कहा कि इस देश में सात धर्म हैं। पारसी धर्म को मानने वाले कम लोग हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म, बौद्ध, जैन को मानने वाले लोग देश में हैं। भगवान बुद्ध को बिहार में ज्ञान प्राप्त हुआ। कई धर्मों के मानने वाले लोग बिहार आते हैं। देश के बाहर से भी लोग बिहार आते हैं। हमलोग सभी लोगों के हित में काम करते हैं। मंदिर हो या मस्जिद, किसी को कोई असुविधा न हो, इसका ख्याल रखा जाता है। आपस में किसी तरह का कोई विवाद नहीं होना चाहिये। सभी को अपने ढंग से पूजा करने एवं काम करने का अधिकार है, इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। सभी धर्मों के माननेवालों को इसकी इजाजत है। किसी को भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। कोई कुछ बोल रहा है तो अपनी मर्जी से बोल रहा है। उसका कोई वैल्यू नहीं है। देष के संविधान को सभी लोगों को समझना चाहिये। अगर देश के संविधान का कोई उल्लंघन कर रहा है तो मीडिया को उसे देखना चाहिये। मीडिया के लोग अगर लिखेंगे कि संविधान का उल्लंघन हो रहा है तो सभी को अच्छा लगेगा लेकिन मीडिया की भी मजबूरी है।

सूरज

वार्ता

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