अमेरिका की राष्ट्रीय स्पेलिंग प्रतियोगिता के 11 फाइनलिस्ट में से दस भारतवंशी, विजेता भी भारतवंशी
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वाशिंगटन। अमेरिका में रहने वाले भारतवंशियों का दबदबा अंग्रेजी में भी कायम है। अमेरिका की राष्ट्रीय स्पेलिंग प्रतियोगिता स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी, के 11 फाइनलिस्ट में से 10 भारतवंशी हैं। यही नहीं, इस प्रतियोगिता का विजेता भी एक भारतवंशी बालक बना है।
अमेरिका में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी के शब्दों की सही स्पेलिंग बताने की चुनौती देती राष्ट्रीय प्रतियोगिता होती है। इस साल इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे 11 बच्चों में से 10 भारतवंशी थे। अमेरिकी राज्य फ्लॉरिडा के लार्गो निवासी 14 साल के देव शाह ने यह प्रतियोगिता जीती। भारतवंशी देव ने 11 अक्षरों वाले शब्द ‘सैममोफाइल’ की सही स्पेलिंग बताकर इस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। ‘सैमोफाइल’ रेतीले क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे या जीव होते हैं। आठवीं के छात्र देव ने इस शब्द को लिखने के साथ ही मैरिलैंड के नैशनल हार्बर में हुए इस प्रतियोगिता के विजेता की ट्राफी और 50 हजार डॉलर का पुरस्कार जीता।
फाइनल में देव शाह का मुकाबला वर्जिनिया के अर्लिंगटन की रहने वालीं 14 साल की शैर्लट वॉल्श से हुआ। वह उपविजेता रहीं। शैलर्ट वॉल्स फाइनल में पहुंची एकमात्र प्रतियोगी थीं, जो भारतवंशी नहीं थीं। फाइनल में पहुंचे 11 प्रतियोगियों में बाकी सभी 10 प्रतियोगी भारतवंशी थे।
श्रद्धा रचमरेड्डी और सूर्या कापू 15 हजार डॉलर के पुरस्कार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे। ढाई दशक से स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतवंशी बच्चों का वर्चस्व है, जबकि अमेरिका में भारतवंशी स्टूडेंट्स की तादाद 1% से भी कम है। फिर भी इस स्पेलिंग प्रतियोगिता के लिए क्वॉलिफाई करने वाले 300 बच्चों में से हर साल 20 प्रतिशत से ज्यादा भारतवंशी होते हैं। साल 2008 से लगातार भारतवंशी विद्यार्थी ही यह प्रतियोगिता जीत रहे हैं।