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शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान अर्जित करना नहीं, इसे समाज के लिए उपयोगी बनाना है : राज्यपाल

रांची। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार को कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान अर्जित करना नहीं है, इसका मुख्य मकसद समाज के लिए उपयोगी बनाना है।

उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह आप सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक विशेष उपलब्धि का प्रतीक है। आप सबने यहां न केवल शिक्षा प्राप्त की है, बल्कि आत्मनिर्भरता, समर्पण और अनुशासन की अद्भुत यात्रा भी पूर्ण की है।

राज्यपाल शनिवार को बीआईटी मेसरा के 34वां दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रिय विद्यार्थियों, आज का यह दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आपके जीवन की एक नई शुरुआत है। यह आपके ज्ञान और संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आपकी डिग्री केवल एक प्रमाण-पत्र नहीं है, बल्कि यह संकल्प का प्रतीक है। अपने अर्जित ज्ञान और कौशल से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का, मानवता के उत्थान में योगदान देने का और राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाने का।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान अर्जित करना नहीं है, बल्कि इसे समाज के लिए उपयोगी बनाना है। कुलाधिपति के रूप में मुझे अत्यधिक हर्ष है कि बीआईटी मेसरा ने आपकी सोच को विकसित किया है और आपको एक ऐसे भविष्य के लिए तैयार किया है जो आपको जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने तथा उनके समाधान ढूंढने की शक्ति प्रदान करती है। बदलते समय के साथ, जब हर दिन नई तकनीकें, नई चुनौतियां और नए अवसर हमारे सामने आते हैं, तो आपके पास वह विज़न और क्षमता होनी चाहिए जो आपको अपनी राह पर अडिग रखे और समाज के उत्थान में योगदान दे सके। मुझे विश्वास है कि आपने जो भी ज्ञान और मूल्य यहां सीखे हैं, वह देश की प्रगति में योगदान देगा।

उन्होंने कहा कि हमारे झारखंड राज्य समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, खनिज संसाधनों और सुंदर प्राकृतिक संपदाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन आज हमारे राज्य को ऐसे ऊर्जावान युवाओं की अत्यन्त जरूरत है जो इसे उन्नति की ओर ले जाए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए आयामों के उदय के साथ, झारखंड अपने कुशल युवा इंजीनियरों और प्रबंधकों के लिए नई संभावना प्रस्तुत कर रहा है। आपका योगदान इस दिशा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए गौरव हो रहा है कि बीआईटी मेसरा न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का प्रतिष्ठित संस्थान है। यहां से पढ़े छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता से संस्थान और देश का नाम रोशन किया है। यह संस्थान निरंतर नये नवाचारों और अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो इसे विश्वस्तर पर विशिष्ट बनाता है।

इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम के संस्थापक निदेशक सह एयरो स्पेस साइंटिस्ट पद्मभूषण डॉ बयराना नागप्पा सुरेश, संस्थान के अध्यक्ष सीके बिरला, बीआईटी मेसरा के कुलपति इंद्रनील मन्ना, कुलसचिव डॉ. संदीप दत्ता सहित छात्र छात्राएं मौजूद थे।

इस दौरान संस्थान की ओर से बताया गया कि बीआइटी मेसरा मेन कैंपस सहित अन्य छह ऑफ कैंपस-बीआइटी एक्सटेंशन लालपुर, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक बीआइटी मेसरा, देवघर, पटना, नोएडा और जयपुर के 2715 विद्यार्थियों के बीच डिग्री बांटी गयी। विभिन्न संकाय के सर्वश्रेष्ठ 17 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

दीक्षांत समारोह में बीआइटी मेसरा समूह से पास आउट हो रहे 1824 विद्यार्थियों को यूजी डिग्री, 636 पीजी डिग्री, 152 डिप्लोमा और 103 पीएचडी डिग्री मिली।

बीआईटी मेसरा के दीक्षांत समारोह में बीआईटी मेसरा मेन कैंपस के 1300 छात्र- छात्राओं को डिग्री दी गयी। इसमें 788 डिग्रियां यूजी,422 पीजी और 90 पीएचडी की शामिल हैं।

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