HindiNationalNews

जोशीमठ के निवासियों की चारधाम यात्रा को लेकर उम्मीदें बढ़ीं, सुरक्षित जोशीमठ का दिया संदेश

Insight Online News

जोशीमठ। भू धंसाव प्रभावित जोशीमठ में अब स्थिति सामान्य हो रही है। श्री बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब-लोकपाल यात्रा शुरू होने से पूर्व पर्यटन कारोबार से जुड़े व्यवसायी भी तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच जोशीमठ में जहां पहली बार औली मैराथन का आयोजन हुआ वहीं शानदार रामलीला मंचन और श्रीमद्देवी भागवत कथा समागम, यज्ञ के माध्यम से भी सुरक्षित जोशीमठ का संदेश देश-दुनिया को दिया गया।

जोशीमठ भू धंसाव आपदा के बाद ऐसा वातावरण बना था कि जोशीमठ में अब पर्यटन गतिविधियों का चलना बन्द ही हो जाएगा। शुरुआती दौर में ऐसा हुआ भी। शीतकालीन पर्यटकों ने जोशीमठ-औली से मुंह मोड़ लिया था।

अब चारधाम यात्रा के दौरान भी जोशीमठ-औली, अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों की स्थिति ऐसी ही ना रहे इसके लिए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े युवाओं ने मंथन किया और ‘औली मैराथन’ के नाम से पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हुई और इस प्रतियोगिता में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पहुंचकर देश-दुनिया को संदेश देने का प्रयास किया कि जोशीमठ अब पूर्ण रूप से सुरक्षित है।

स्की माउन्टेनियरिंग एसोसिएशन की इस मैराथन में उत्तराखंड राज्य के साथ ही उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, दिल्ली के अलावा भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस,एसडीआरएफ और सेना की गढ़वाल स्काउट बटालियन ने प्रतिभाग कर यह संदेश जरूर दे दिया है कि जोशीमठ सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री धामी ने औली मैराथन के आयोजक स्की माउन्टेनियरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय भट्ट और उनकी टीम को बधाई देते हुए देश-दुनिया के पर्यटकों को देवभूमि उत्तराखंड, आने का न्यौता दिया।

इधर भू धंसाव आपदा से मुक्ति एवं निर्विघ्न चारधाम यात्रा की कामना के लिए श्री नरसिंह-नवदुर्गा सेवा समिति ने श्री रामलीला महायज्ञ के आयोजन ने भी जोशीमठ को लेकर सकारात्मक संदेश दिया है। रामलीला मंचन में प्रतिदिन सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति यह बताने के लिए काफी थी कि लोग सुरक्षित हो रहे जोशीमठ में सुरक्षित हैं। साथ ही यह पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए भी तैयार हैं।

श्री रामलीला मंचन और औली मैराथन से पूर्व श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने नरसिंह मंदिर मठागण में श्रीमद्देवीभागवत का आयोजन किया तो ज्योतिर्मठ की ओर से नवदुर्गा सिद्धपीठ में सौ दिवसीय यज्ञ का भी आयोजन किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *