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सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है : राष्ट्रपति

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है। वे और अधिक सुलभ होते जा रहे हैं।

राष्ट्रपति आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में “पुस्तकालय महोत्सव 2023” का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रही थीं। दो दिवसीय महोत्सव, संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह भारत में पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण पर चर्चा के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों पर प्रकाश डालेगा।

पुस्तकालय महोत्सव को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तकों और पुस्तकालयों के महत्व पर जितनी भी चर्चा की जाए वह कम है। पाण्डुलिपियों के संरक्षण तथा पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिज़िटाइज़ेशन के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग से पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है।

उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों का विकास, समाज और संस्कृति के विकास से जुड़ा होता है। यह सभ्यताओं और संस्कृतियों की उन्नति का पैमाना भी होता है। पुस्तकालय से जुड़े निर्माण और ध्वंस, दोनों तरह के उदाहरण हमारे देश के प्राचीन शिक्षा केंद्र नालंदा में देखे गए हैं।

राष्ट्रपति ने पुस्तकालयों को ड्राइंग रूम और समुदाय का अध्ययन के रूप में लोकप्रिय बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय, सामाजिक सम्मिलन का केंद्र भी बनें और स्वाध्याय तथा चिंतन का भी।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे स्वाधीनता संग्राम के महानायकों ने तमाम संघर्षों और संकटों के बावजूद पुस्तकों के पठन-पाठन और लेखन पर जोर दिया था। रस्किन जॉन की एक छोटी सी पुस्तक ने महात्मा गांधी की जीवनधारा को बदल दिया।

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