चतरा में सरकारी पोषाहार के खाली पैकेट का मिलने का सिलसिला जारी, सरहारा पथ में मिले भारी मात्रा में पौष्टिक आहार के पैकेट
चतरा, 2 दिसंबर । जिले में सरकारी पोषाहार के खाली पैकेटों का मिलने का सिलसिला जारी है। दूसरे दिन भी पत्थलगडा और सिमरिया प्रखंड के सीमान में सरहारा पथ में हजारों फूड सप्लीमेंट के खाली पैकेट मिले हैं। रविवार को पत्थलगडा और गिद्धौर के सीमाने में बंदरचुंआ-गांगपुर पथ में हजारों खाली पैकेट और बोरा मिले थे। सोमवार को प्रखंड प्रशासन को शीतलपुर-हुरमुड़ पथ में खाली पैकेट होने की सूचना दी गई।
आंगनबाड़ी केंद्रों में निशुल्क बांटे जाने वाले पौष्टिक आहार के भारी मात्रा में खाली पैकेट सड़क के किनारे और ट्रेंच में मिले हैं। प्रखंड कर्मी यहां पहुंचकर खाली पैकेटों का निरीक्षण किए हैं। गर्भवती और धात्री महिलाओं समेत 6 माह से लेकर 6 वर्ष के बच्चों व अतिकुपोषित बच्चों के बीच पौष्टिक आहार के पैकेट आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बांटा जाता है। दो दिनों में यहां हजारों की संख्या में खाली पैकेट मिले हैं खाली पैकेटों को देखकर अधिकारी दंग रह जा रहे हैं। ये पैकेट इंटरलिंक फूड प्राइवेट लिमिटेड पतरातू इंडस्ट्रियल एरिया, रामगढ़ और कोटा दाल मिल प्लॉट संख्या 4, बोकारो स्टील सिटी इंडस्ट्रियल एरिया बोकारो से उत्पादित है।
सभी पैकेट और बोरा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी सेवाओं योजना के अंतर्गत माइक्रो न्यूट्रिएंट्स फोर्टीफाइड फूड एनर्जी डेंस फूड का निशुल्क वितरण व झारखंड सरकार का लोगो लगा हुआ है। बिखरे हुए पैकेट में उत्पादन की तिथि 30 अक्टूबर और एक्सपायर की तिथि 25 जनवरी, 2025 लिखा हुआ है। चतरा उपयुक्त रमेश घोलप के निर्देश पर इस घटना की जांच के लिए एक टीम का भी गठन किया गया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चों को दिए जाना दिए जाना वाला पौष्टिक आहार का पैकेट आखिर खाली कर भारी मात्रा में यह कौन फेंक रहा है। रविवार को गिद्धौर प्रखंड के लबानी, बलथरवा, विष्णापुर और गांगपुर जंगल में हजारों की संख्या में खाली पैकेट मिले थे। पत्थलगडा के बंदरचुंआ जंगल में भी पक्की सड़क के किनारे खाली पैकेट और बोरा मिला है। गांगपुर पथ के बीच जितने भी पुल और पुलिया हैं उसके नीचे दर्जनों की संख्या में बोरों में बंद पौष्टिक आहार के खाली पैकेट पड़े हुए हैं। सिमरिया एसडीओ सनी राज ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।