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टीएमसी सरकार अपराधियों को सरंक्षण और पोषण दे रही है : सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्याकांड मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से राज्य की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने टीएमसी सरकार पर अपराधियों को सरंक्षण और पोषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा इंडी गठबंधन एक-दूसरे के अपराधियों को सरंक्षण दे रहा है।

भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जिस घटना को लेकर आज पूरा देश आहत और आक्रोशित है, उस घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने जो सवाल किए हैं, वो लोकतंत्र और सरकार चलाने वालों की मानसिकता और नैतिकता पर उठे गंभीर सवाल हैं। इस घटना को 5 तरीकों से नष्ट करने या दबाने का प्रयास किया गया। पहला विषय घटना, फिर घटना का संवेदनहीन बचाव, उसके बाद निर्ममता के साथ सबूतों का नष्ट किया जाना, उसके बाद फिर उपद्रवियों द्वारा वहां आतंक मचाना और उसके बाद फिर बयान की धमकी देना।

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार तो पूरी निर्लज्जता के साथ अपराधियों को संरक्षण और पोषण देने में लगी हुई है, इसके साथ ही अब इंडी गठबंधन का किरदार भी साफ हो गया है। टीएमसी सरकार के वकील , कपिल सिब्बल हैं, जो उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के समर्थन से अभी सांसद हैं और जो कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। अब कोई किसी प्रकार का किंतु-परंतु नहीं रह जाता है कि ये सब एक-दूसरे के अपराधों के संरक्षण के लिए खड़े हैं और ये वही लोग हैं जो हर अलगाववादी यहां तक कि आतंकवादी तक के पक्ष में कोर्ट में खड़े होते थे। आज ये एक बार फिर दुर्दांत अपराधी के पक्ष में कोर्ट में खड़े हैं। इसमें बचाव की कोई गुंजाइश अब नहीं बचती है और वे ममता बनर्जी के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव से भी सवाल पूछते हैं।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा घटना वाले अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपने के बाद ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस का नैतिक आधार नष्ट हो गया है।

उन्होंने सबूतों को नष्ट करने के कई उदाहरण देते हुए यह भी बताया कि पीड़िता डॉक्टर अपनी डायरी लिखती थी, जो वह अपने पिता से साझा करती थी। लेकिन, उस डायरी के कुछ पन्ने भी गायब हैं। हालत यह हो गई है कि जो भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर सवाल पूछ रहा है, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से भी कोलकाता पुलिस ने सवाल उठाने पर पूछताछ की है।

उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन देते हुए कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान ले लिया है इसलिए कानूनी प्रक्रिया तो उन्हीं के दिशा-निर्देश में चलेगी। लेकिन, जिस तरह की भी त्वरित सरकारी सहायता देने की जरूरत होगी, सरकार देगी।

उन्होंने राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान अभियान पर कटाक्ष करते हुए यह आरोप भी लगाया कि आज पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार के कार्यकाल में संविधान किस तरह से खतरे में है, यह पूरे देश को देखना चाहिए। यह हालत पूरे इंडी गठबंधन की है, जहां-जहां भी इनकी सरकारें हैं, वहां-वहां संविधान, जान और मान-सम्मान सब खतरे में है। ममता बनर्जी ने तो निर्ममता की सारी हदें पार कर दी है।

राहुल गांधी के आरोपों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पलटवार करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आरक्षण को लेकर राहुल गांधी की खानदानी विरासत जगजाहिर है। राहुल गांधी की अज्ञानता के बारे में सबको पता है, वे बताएं कि जब उनके पिता राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय एससी, एसटी और ओबीसी के कितने अधिकारी थे। उस समय ओबीसी अधिकारियों को आरक्षण क्यों नहीं दिया था। पहले अपने पिताजी का जवाब दीजिए, फिर हमसे सवाल कीजिए।

–आईएएनएस

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