दुनिया बदल रही है, इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत : हरिवंश
रांची, 8 अक्टूबर । राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि जिस तरह आज तकनीक की दुनिया निरंतर बदल रही है, ऐसे में इनोवेशन आज के दौर की महती आवश्यकता है। अतएव इसे अवसर में तब्दील करने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है। वे मंगलवार काे सरला बिरला विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन द्वारा आयोजित व्याख्यान ‘भावी दुनिया में भारत, विशेष संदर्भ: मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
जीडी बिरला सभागार में आयोजित एक्सपर्ट टॉक में हरिवंश ने कहा कि भारत अब अपनी पहचान बनाने में सक्षम है। भारत अब अपनी प्रतिभा, लगन और मेहनत के बल पर पूरी दुनिया में पहचान बनाने में सक्षम साबित हुआ है। वो दिन गए, जब भारत को संपेरो का देश कहा जाता था। यहां तक कि पश्चिम के नामी- गिरामी अखबारों में भी भारत की अति महत्त्वपूर्ण खबरें मात्र दो या तीन लाइनों में सिमटा दी जाती थीं लेकिन आज के दौर में विकसित देशों में भारत की अलग पहचान बनी है। लोग यहां की खबरों को प्रमुखता से देखना और सुनना पसंद करते हैं।
हरिवश ने कहा कि स्टार्टअप्स में हमारे देश के बच्चे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। यह ऐसा अवसर है जो दोबारा हमें हासिल होने वाला नहीं है। इसीलिए बेहतर भारत को सुनिश्चित करने और वैश्विक स्तर पर अपनी धाक जमाने के लिए हमें पुरजोर कोशिश करनी होगी। उन्होंने ताईवान जैसे छोटे देश का उदाहरण देते हुए कहा कि आप पूरी दुनिया में 61 प्रतिशत चिप यहीं से निर्यात होते हैं। यह इनोवेशन, अपने काम के प्रति ईमानदारी और तकनीक का ही चमत्कार है, जिससे ताईवान इस प्रशंसनीय स्तर तक पहुंच पाने में कामयाब हो पाया। हम भी समय का मूल्य समझें, नए विचारों के साथ तालमेल बैठाएं तो तकनीक के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की स्थिति में होंगे।
हरिवंश ने कहा कि भारतीय पत्रकारों को भी अपनी भूमिका पर विचार करना होगा। गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा पत्रकारों के लिए तय की गई कसौटी, जिसमें देश को केंद्र बिंदु में रखा गया है, उसी तर्ज पर पत्रकारों को भी अपने दायित्व का निर्वहन करने के प्रति सजग रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जहां विभिन्न बीमारियों की वैक्सीन को विकासशील और अल्प विकसित देशों में आने में दशकों का समय लगता था, वहीं भारत ने कोरोना वैक्सीन को बहुत कम समय में ही बाजार में उपलब्ध करवा कर पूरी दुनिया में अपनी धाक जमायी। आज डिजीटल इकोनामी के क्षेत्र में भारत की सराहना पूरे विश्व में हो रही है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने कहा कि आज पूरे विश्व की निगाह भारत की ओर है। भारत आज प्रगति के सोपान पर निरंतर अग्रसर है। हमें ‘सनातन वे आफ लाइफ’ पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 से सभी को बड़े स्तर पर सीखने की कोशिश करनी चाहिए। एसबीयू के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ हुए करारों का भी उन्होंने विस्तार से जिक्र किया। विश्वविद्यालय के माननीय प्रभारी कुलपति एसबी डांडीन ने विद्यार्थियों के कम्युनिकेशन पर जोर दिया। उन्होंने एआई के साथ बदलती दुनिया पर शब्दों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करने पर भी जोर दिया।