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एसटी-एससी समाज के बच्चे- बच्चियों में प्रतिभा की कमी नहीं: कल्याण मंत्री

रांची, 14 मई । झारखण्ड के कल्याण मंत्री चमरा लिण्डा ने कहा कि कल्याण विभाग 10वीं और 12वीं पास मेधावी आदिवासी छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराएगा। लिण्डा बुधवार को रांची के जिला स्कूल परिसर में संचालित किए जा रहे आकांक्षा कार्यक्रम का औचक निरीक्षण करने के बाद बोल रहे थे।

कल्याण मंत्री ने कहा कि आदिवासी छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिलने पर वे इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सरलता से सफल हो सकते हैं। विभाग इस निमित्त व्यापक तैयारी करेगा। उन्होंने कहा कि जब आदिवासी समाज के विद्यार्थी क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त करेंगे तभी हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे। आदिवासी समाज के बच्चे- बच्चियों में काफी प्रतिभा है, जरूरत है कि हम सभी लोग मिलकर उनकी प्रतिभा को तराशने का काम करें। हमारे एसटी/एससी समाज के विद्यार्थियों के अंदर असीम संभावनाएं दिखती हैं। कई क्षेत्रों में हमारे बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन भी किया है।

मंत्री ने कहा कि वर्तमान वर्ष से आकांक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत वैसे आदिवासी छात्र-छात्राएं जो मेधावी हैं, उनका चयन कर, उन्हें विशेष रूप से निःशुल्क कोचिंग प्रदान कर इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईसीएससी और सीबीएसई बोर्ड के रिजल्ट आ गए हैं। राज्य के झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड का रिजल्ट भी आने ही वाला है, इसके बाद बच्चों से आवेदन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। प्राप्त आवेदनों में से मेधावी छात्र-छात्राओं का चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जुलाई 2025 के प्रथम सप्ताह से कोचिंग प्रारंभ हो जाए, इसकी तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है।

आकांक्षा परिसर के भ्रमण मौके पर कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा, रांची जिला के कल्याण प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय कुमार भगत और आकांक्षा कार्यक्रम के प्रभारी संयोजक वीके सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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