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दुष्कर्म के दोषी को फांसी होनी चाहिए: शिवराज

नयी दिल्ली 25 नवंबर : केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

श्री चौहान ने यहां लैंगिक हिंसा के ‌विरुद्ध एक राष्ट्रीय अभियान, ‘नई चेतना – पहल बदलाव की’ के तीसरे संस्करण का शुभारंभ करने के अवसर आयोजित एक समारोह में कहा कि महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए सशक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इस संबंध में जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है। लैंगिक हिंसा खत्म करने की दिशा में सरकार के सामूहिक प्रयास के इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी शिरकत की।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की कई योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दुष्कर्मियों को फांसी देेने की मांग पर कई लोग मानवधिकारों के हनन की बात करने लगते हैं, लेकिन दूसरों के अधिकारों का हनन करने वाले लोगों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है। उन्होंने महिलाओं से एक रहने का आह्वान करते हुए कहा कि दुष्कर्म के दोषी को फांसी देने की मांग पर सभी को एक रहना चाहिए।

एक माह तक चलने वाले इस अभियान का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कर रहा है ।

यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर तक चलेगा। इसमें नौ मंत्रालय‌ और विभाग भाग लेंगे। इनमें

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले और खेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और न्याय विभाग शामिल हैं।

नई चेतना अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर की पहल के माध्यम से लैंगिक हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और लक्षित कार्रवाई को बढ़ावा देना है। अपनी स्थापना के बाद से, नई चेतना ने देश भर में लाखों लोगों को संगठित किया है, जिससे लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण आंदोलन को बढ़ावा मिला है। पहला संस्करण 3.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा था। दूसरे संस्करण में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5.5 करोड़ प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके तहत देश भर में लिंग आधारित हिंसा पर नौ लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

नई चेतना के उद्देश्यों में लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, हिंसा के खिलाफ समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुँच प्रदान करना और स्थानीय संस्थाओं को निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए सशक्त बनाना शामिल है। अभियान का नारा, “एक साथ, एक आवाज़, हिंसा के खिलाफ़” है ।

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