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आदिवासी भी हिंदू हैं : केंद्र

  • संसद में सवाल- क्या जनजातीय लोगों को भी हिंदू के रूप में परिभाषित किया गया है?
  • जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा-आदिवासी भी हिंदू हैं
  • केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में वही कहा , जो अधिनियम में दर्ज है

रांची। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय व संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि आदिवासी भी हिंदू समझे जायेंगे. उन्होंने सिविल अधिकार अधिनियम, 1995 का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू धर्म के किसी भी रूप या विकास को मानने वाले व्यक्ति हिंदू समझे जायेंगे. इसमें वीरशैव, लिंगायत, आदिवासी, ब्राह्मो समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज और स्वामी संप्रदाय के अनुयायी शामिल हैं. साथ ही बौद्ध, सिख और जैन धर्म को मानने वाले भी हिंदू माने जायेंगे. केंद्र सरकार के इस जवाब से झारखंड सहित देश भर में 12 करोड़ से अधिक आदिवासियों की सरना धर्म कोड बनाने की मांग को झटका लगा है. जानकारी के मुताबिक, सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत ने यह सवाल पूछा था कि क्या जनजातीय लोगों को भी हिंदू के रूप में परिभाषित किया गया है. जिस पर मंत्री अर्जुन मेघवाल ने यह जवाब दिया है.

  • केंद्र के पास लंबित है झारखंड सरकार का प्रस्ताव

झारखंड के आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं. 11 नवंबर 2021 को हेमंत सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पास कराया था कि आदिवासी/सरना धर्म कोड को राष्ट्रीय जनगणना फार्म में शामिल किया जाये. सरकार ने तीन साल पहले ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर अभी तक फैसला नहीं आया है.

  • लंबे समय से यह राजनीतिक मुद्दा

झारखंड में आदिवासी/सरना धर्म कोड की मांग लंबे समय से राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. इस पर आंदोलन और राजनीति लगातार होती रही है. एक तरफ भाजपा इस मुद्दे पर चुप रहती है, वहीं दूसरी तरफ झामुमो और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर हमलावर रही है. झामुमो और कांग्रेस इसको लेकर भाजपा को हमेशा कटघरे में खड़ा करने का काम करती है. अब क्योंकि केंद्र सरकार में भाजपा की सरकार है और झारखंड में अगले दो-तीन माह में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे वक्त में केंद्रीय मंत्री का जवाब चुनावी मुद्दा बन सकता है. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में वही कहा है जो अधिनियम में दर्ज है.

  • सांसद का सवाल और मंत्री का जवाब

सवाल : क्या कई भारतीय कानूनों में हिंदू शब्द की परिभाषा दी गयी है ? यदि हां, तो सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 में हिंदू की क्या परिभाषा दी गयी है ? क्या उक्त अधिनियम में जनजातीय लोगों को भी हिंदू के रूप में परिभाषित किया गया है ? और यदि हां तो तत्सबंधी ब्यौरा दें.

जवाब : हिंदू पद विभिन्न केंद्रीय अधिनियमों में स्पष्ट किया गया है. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 (1955 का 22) की धारा 3 में स्पष्टीकरण यह उपबंधित करता है कि उक्त अधिनियम की धारा 3 और धारा 4 के प्रयोजन के लिए बौद्ध, सिख, जैन धर्म मानने वाले व्यक्ति या हिंदू धर्म के किसी भी रूप या विकास को मानने वाले व्यक्ति, जिनके अंतर्गत वीरशैव, लिंगायत, आदिवासी, ब्राह्म समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज ओर स्वामी नारायण संप्रदाय के अनुयायी भी हैं, तो वो हिंदू समझे जायेंगे.

साभार : शुभम संदेश

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