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आदिवासी ही भारत के मूल मालिक लेकिन नहीं मिल रही भागीदारी : राहुल गांधी

मुंबई। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नंदूरबार की चुनावी सभा में कहा कि आदिवासी ही भारत के मूल मालिक हैं लेकिन उन्हें सरकार में उनके हिस्से की भागीदारी नहीं मिल रही है। उन्हें यह भागीदारी सिर्फ संविधान से ही मिलेगी।

राहुल गांधी नंदूरबार में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित प्रचार सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में आदिवासी आबादी 8 प्रतिशत है तो भागीदारी भी 8 प्रतिशत होनी चाहिए। केंद्र सरकार जब 100 रुपये खर्च करती है, तो आदिवासी के लिए केवल 10 पैसे तय किए जाते हैं। राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के लोग सभी आदिवासियों को वनवासी कहते हैं, वे आपके अधिकार छीन रहे हैं। आपकी जमीन, जल, जंगल छीनकर अरबपतियों को दिया जा रहा है। आदिवासी ही भारत के मूल मालिक हैं। इसे बदलने का एक मात्र तरीका जातिगत जनगणना है। इसी से पता चलेगा कि किसकी कितनी आबादी और उसे सरकार में कितनी भागीदारी मिल रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उनकी सरकार आएगी, जातिगत जनगणना शुरू की जाएगी। इसके साथ ही आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा दी जाएगी। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के बहुत से उद्योग पड़ोसी राज्यों में भेज दिया गया है, जिससे राज्य में बेरोजगारी बढ़ी है। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सरकार आने पर किसी अन्य राज्य के उद्योग धंधे किसी अन्य राज्य में नहीं भेजे जाएंगे। राहुल गांधी ने प्रचार सभा में महाविकास आघाड़ी के वादों को फिर से दोहराया है।

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