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केंद्रीय शिक्षा मंत्री काे पुरानी लड़ाई पुनर्जीवित करने का भुगतना पड़ेगा खामियाजा: स्टालिन

चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की आलोचना की। स्टालिन ने कहा कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को इस लड़ाई को पुनर्जीवित करने के परिणाम भुगतने पड़ेंगे, वह कभी जीत नहीं पाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री गुमराह कर रहे हैं। इससे केवल विवाद और विभाजन को बढ़ावा मिलेगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर पाेस्ट किया, “केंद्रीय शिक्षा मंत्री की कार्रवाई गुमराह करने वाली है और इससे केवल विवाद और विभाजन को बढ़ावा मिलेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री ने एक ऐसी लड़ाई को फिर से जिंदा कर रहे है, जिसे वे कभी नहीं जीत सकते और हमारी आशा है कि वे अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करेंगे तथा इसका समाधान खोजने की दिशा में काम करेंगे जिससे तमिलनाडु की जनता को लाभ मिल सके।”

स्टालिन ने लिखा, “पेड़ हमेशा शांत रहता है और कभी भी तेज हवाएं उसे कुछ नहीं कर पातीं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कई पत्र लिख उकसाया। उन्होंने पूरे राज्य को हिंदी सीखने के लिए धमकाने का साहस किया। अब उन्हें इस लड़ाई को जारी रखने का खामियाजा भरना पड़ेगा। तमिलनाडु को आत्मसमर्पण के लिए ब्लैकमेल नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “सबसे बड़ी विडंबना यह है कि तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम को एक सिरे से खारिज करता है। तमिलनाडु पहले ही अपने कई लक्ष्यों को प्राप्त कर चुका है। केवल भावी नीतियों का लक्ष्य केवल 2030 तक प्राप्त करना है। द्रविड़म दिल्ली से निर्देश नहीं लेता है। इसके बजाय, यह राष्ट्र के अनुसरण के लिए मार्ग निर्धारित करता है।” मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, “हम तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों और हितों के लिए हम हमेशा खड़े रहेंगे। हम केंद्रीय नीतियों तथा फैसलों के खिलाफ बोलने में संकोच नहीं करेंगे, जो हमें गुमराह करने वाले या हानिकारक लगेंगे।”

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु सरकार केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषा का विराेध कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी शिक्षा नीति सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के बीच तनाव बढ़ सकती है।

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