भगदड़ के लिए वैष्णव जिम्मेदार, दें इस्तीफा : कांग्रेस
नयी दिल्ली, 16 फरवरी : कांग्रेस ने रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को नरसंहार करार देते हुए कहा है कि बदइंतजामी के कारण यह घटना हुई है, जिसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इसके लिए जिम्मेदारी हैं और उन्हें तत्काल पद से इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था नहीं की गई थी और इसके लिए श्री वैष्णव जिम्मेदार हैं। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “रेल मंत्री को इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए या फिर सरकार को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। कल की बदइंतजामी और नरसंहार को देखते हुए रेल मंत्री को अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसे रेल मंत्री के भरोसे आम भारतीय को नहीं छोड़ा जा सकता है, जो लोगों के मरने को ‘छोटी घटना’ बताए और पीड़ितों के प्रति संवेदना जताने की बजाए मौत के आंकड़े छिपाए।”
प्रवक्ता ने कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कल रात जो हुआ, वो हादसा नहीं ‘नरसंहार’ है। वहां का मंजर देखकर दिल दहल गया। आस्था और विश्वास से भरे कई श्रद्धालु कुंभ जाने के लिए आए तो जरूर, लेकिन रेलवे प्रशासन की नाकामी के कारण आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दम घुटने से 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें नौ महिलाएं, चार पुरुष और पांच बच्चे शामिल हैं। हादसे के चश्मदीदों की बातें सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कुली भाइयों ने शवों को लाद- लादकर बाहर निकाला। वहां पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं थी। अस्पताल में लाशों का अंबार लगा हुआ था। लोगों के चेहरे पर अपनों को खोने के दुख के साथ ही वो दहशत दिखी, जिसका सामना उन लोगों ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर किया। श्रद्धालुओं के इस नरसंहार का जिम्मेदार कौन है।”
उन्होंने कहा, “रेलवे की नाकामी के बाद जो हुआ, वो और शर्मनाक है। रेल मंत्री ने इस्तीफा देने के बजाए पूरे महकमे को लीपा-पोती पर लगा दिया। इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद भी नैरेटिव बनाया गया कि सब कुछ कंट्रोल में है। जब लोग भगदड़ में मर रहे थे तो रेल मंत्री मौत के आंकड़ें छिपाने में जुटे हुए थे। रेल मंत्री हर ट्रेन हादसे को ‘छोटी घटना’ बताते हैं। जब मृतकों के परिवार वाले सच बयां करने लगे, तो कुछ रिपोर्टर्स के फ़ोन ज़ब्त किए जाने लगे। ऐसी घटना पर संवेदना व्यक्त करने और माफी मांगने के बजाए रेल मंत्री और सरकार मौत के आंकड़ें छिपाने में लग गई- जो कि और वीभत्स है।’