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देश में पहली बार विषाणु युद्ध अभ्यास

नयी दिल्ली 03 सितंबर : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में पहली बार राजस्थान के अजमेर जिले में विषाणु युद्ध अभ्यास किया है।

मंत्रालय ने मंगलवार को यहां इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह अभ्यास 27 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक किया गया। राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत यह देश में अपनी तरह का पहला अभ्यास था।

इसका उद्देश्य मानव स्वास्थ्य, पशुपालन और वन्यजीव क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बनी राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम की तत्परता और तैयारी का मूल्यांकन करना था।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने अपनी तरह के इस पहले प्रयास की सराहना की है।

इस अभ्यास में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस), पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राजस्थान राज्य प्रशासन, राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस), राज्य पशु चिकित्सा विभाग और राज्य वन विभाग, एम्स जोधपुर बीएसएल-3 लैब, जिला प्रशासन, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और कर्मचारी सहित कई पक्ष शामिल थे।

यह अभ्यास दो मुख्य घटकों प्रकोप के लिए जिम्मेदार विषाणु की जांच और पहचान तथा मानव और पशु आबादी में बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई कार्रवाई पर केंद्रित रहा।

स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने प्रतिक्रिया की निगरानी की। अभ्यास ने कुछ ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जिनमें और सुधार की आवश्यकता है।

मंत्रालय के अनुसार विषाणु युद्ध अभ्यास एक सफल अभ्यास था, जिसने जूनोटिक रोग प्रकोपों ​​के प्रति देश की तैयारी और प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए भविष्य की रणनीतियों को तैयार करने में अंतर्दृष्टि प्रदान की तथा सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में समन्वित और कुशल दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया।

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