गाजा में तुरंत खत्म हो युद्ध : इजरायल के भीतर उठी आवाज, पूर्व खुफिया अधिकारियों का नेतन्याहू को पत्र
यरूशलम। इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार से गाजा पट्टी में युद्ध को तुरंत समाप्त करने की अपील की। इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी न्यूज के मुताबिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की।
रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ताओं में मोसाद के तीन पूर्व प्रमुख डैनी याटोम, एफ्रेम हेलेवी और तामीर पार्डो के साथ-साथ दर्जनों अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
मोसाद के पूर्व सदस्यों ने कहा, लगातार लड़ाई बंधकों और हमारे सैनिकों के जीवन को खतरे में डाल रही है। इस पीड़ा को समाप्त करने वाले समझौते तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। हम सरकार से साहसी फैसला लेने और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने उन सैकड़ों सैन्य कर्मियों, [चाहे वे रिजर्व में हों या रिटायरमेंट], के प्रति समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने भी इसी तरह के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें युद्ध समाप्त करने और बंधकों की वापसी की अपील की गई थी।
गुरुवार को एयरक्रू सदस्यों के पत्र के प्रकाशन के बाद, इजरायली वायु सेना कमांडर टोमर बार ने हस्ताक्षरकर्ताओं में से सक्रिय रिजर्विस्टों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बर्खास्तगी के फैसले का समर्थन किया और ऐसे पत्रों की निंदा की। उन्होंने हस्ताक्षरकर्ताओं को एक चरमपंथी हाशिए का समूह कहा, जो इजरायली समाज को अंदर से तोड़ने की कोशिश कर रहा है।
पत्र की प्रति प्रकाशित करने वाले कई मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, रविवार को लगभग 200 इजरायली सैन्य डॉक्टरों ने लड़ाई रोकने और बंधकों को घर वापस लाने की मांग के साथ एक याचिका पर हस्ताक्षर किए।
इसमें कहा गया, गाजा में जारी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करना है, इसका कोई सुरक्षा उद्देश्य नहीं है, इससे सैनिकों और बंधकों का जीवन खतरे में पड़ रहा है।
हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया। वर्तमान में, 59 इजरायली बंधक गाजा में हैं, जिनमें से 24 के अभी भी जीवित होने का अनुमान है।
जनवरी में इजरायल और हमास ने बंधकों के लिए तीन चरणों में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी। हालांकि, छह सप्ताह का पहला चरण 1 मार्च को समाप्त होने के बाद दूसरे दौर की बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया। इसके बाद इजरायल ने युद्धविराम गतिरोध के बीच 18 मार्च को गाजा में सैन्य अभियान फिर से शुरू कर दिया।