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2025 में ‘मेड इन इंडिया’ चिप उत्पादन के लिए तैयार होंगे हम : अश्विनी वैष्णव

– महाशिवरात्रि के अवसर पर भोपाल को मिला आईटी पार्क और एचएलबीएस फैक्टरी का उपहार

भोपाल/नई दिल्ली, 25 फरवरी । केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जहां एक साथ पांच यूनिट्स का निर्माण कार्य जारी है। वर्ष 2025 तक पहला “मेड इन इंडिया” चिप उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगा। इसी क्रम में भारत में प्रतिभा संवर्धन के लिए 85,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है।

केन्द्रीय मंत्री वैष्णव भोपाल में आयोजित ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के दूसरे दिन मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम नई दिल्ली से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर एचएलबीएस परिवार को नए प्लांट के लिए शुभकामनाएं दी। साथ ही ऐलान किया कि वर्ष 2025 तक पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगा।

वैष्णव ने इस उपलब्धि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिला है। दो इलेक्ट्रानिक्स मैन्यफैक्चरिंग क्लस्टर को प्रधान मंत्री ने स्वीकृति दी है। एक भोपाल में और दूसरा जबलपुर में है। राज्य में अब तक 85 कंपनियां इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्होंने इसे डबल इंजन सरकार की एक बड़ी सफलता बताया गया।

मध्य प्रदेश में 20,000 इंजीनियरों की होगी ट्रेनिंग

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि नवीनतम टेक्नोलॉजी को छात्रों तक पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश में 20,000 इंजीनियरों को “फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम” के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। बीते दस वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके परिणामस्वरूप अब यह उद्योग 10 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। टॉप 3 निर्यात में इलेक्ट्रानिक्स है। वर्तमान में, देश से ढाई लाख करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है। जिसमें मोबाईल (4 लाख करोड़ रुपए ) ; लैपटॉप, सर्वर, टेलीकॉम उपकरण (लगभग 75,000 करोड़ रुपये) और रक्षा एवं मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

वैष्णव ने प्रधानमंत्री मोदी की स्पष्ट दृष्टि और नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता के कारण ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सका है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूरे मध्य प्रदेश को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी और महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं दी।

नए कैंपस में क्या है खास

एक लाख स्कायर फीट में कैंपस बना है, जिसके एक ही छत के नीचे महत्वपूर्ण आईटी हार्डवेयर और उत्पादों के निर्माण करने की क्षमता है। जहां सर्वर, डेस्कटॉप, मदरबोर्ड, चेसिस, रैम, एसएसडी, ड्रोन, रोबोट समेत अन्य एंड-टू-एंड निर्माण होगा। इस नए कैंपस में आने वाले 6 वर्षों में लगभग 150 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। जिससे इस प्लांट में करीब 1200 से नए रोजगार पैदा होंगे। इस कैंपस में डेक्सटॉप कंप्यूटर, ऑल इन वन, वर्क स्टेशन, लैपटॉप, टेबलेट डिवाइस. मॉनिटर समेत कई उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा।

ग्लोबल समिट के पहले दिन भी रेल मंत्री वैष्णव ने मध्य प्रदेश में बड़े निवेश का ऐलान किया। भारतीय रेल और मध्य प्रदेश सरकार के बीच रिन्यूएबल एनर्जी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। हाल ही में देखा गया है कि मोदी सरकार का पूरा ध्यान फ्यूचर रेडी इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपिसिटी बिल्डिंग पर है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत सरकार हर सेक्टर में 4 बिंदुओं पर फोकस कर रही है। जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश, इंक्लूसिव ग्रोथ, मैन्युफैक्चरिंग, सिम्प्लिफिकेशन ऑफ़ लॉज़ शामिल हैं।

विकास पर पथ पर चलता देश

देश में पिछले 10 वर्षों में भारत ने 31 हजार किलोमीटर से ज्यादा नई रेल पटरियाँ बिछाईं गई हैं। इसके साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत 1,337 से अधिक रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 में मध्य प्रदेश में रेल इन्फ्रा के विकास के लिए 14,745 करोड़ का रिकॉर्ड बजट का आवंटन किया। साथ ही 2014 से 2,808 किलोमीटर विद्युतीकृत कर मध्य प्रदेश में रेल लाइनों का 100% विद्युतीकृत किया जा चुका है।

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