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इमरान समर्थकों को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने सुनाई सजा तो क्यों भड़के यूएस-ब्रिटेन ?

नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ ने हाल ही में पाकिस्तान की सैन्य अदालतों की ओर से 25 नागरिकों को सजा सुनाए जाने की आलोचना की। दोषी करार दिए गए लोगों पर 2023 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल होने का आरोप था। विरोध प्रदर्शन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ किए गए थे।

पाकिस्तानी सैन्य न्यायाधिकरण ने नागरिकों को दो से दस साल तक की सजा सुनाई है। इस फैसले से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान के समर्थकों में यह चिंता बढ़ गई है कि पूर्व नेता से जुड़े मामलों को भी सैन्य अदालतों को सौंपा जा सकता है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका ने 25 नागरिकों को दोषी ठहराए जाने पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की और दावा किया कि सैन्य अदालतों में न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया की गारंटी का अभाव है।

मंगलवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन पाकिस्तानी अधिकारियों से देश के संविधान में निहित निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के अधिकार का ‘सम्मान’ करने की अपील करता रहेगा।

ब्रिटेन ने पाकिस्तान सरकार से नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (आईसीसीपीआर) के तहत अपनी जिम्मेदारी को बनाए रखने की अपील की।

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय के प्रवक्ता ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “सैन्य अदालतों में पारदर्शिता और स्वतंत्र जांच का अभाव है और वे निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को कमजोर करती हैं।”

हालांकि, प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन अपनी कानूनी कार्यवाहियों में पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करता है।

यूरोपीय संघ ने अपनी प्रतिक्रिया में इन फैसलों को पाकिस्तान की ओर से आईसीसीपीआर के तहत किए गए दायित्वों के साथ असंगत माना।

–आईएएनएस

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