आदिवासी हित की बात करने वाले प्रधानमंत्री सरना धर्म कोड पर क्यों साधे हुए हैं चुप्पी : सुप्रियो भट्टाचार्य
रांची, 02 अक्टूबर । झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के मुख्य स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी 15 दिनों बाद हजारीबाग पहुंचे थे, वहां सभा में उन्होंने बहुत सी बाते कहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के चेहरे पर आदिवासी-मूलवासियों का भय साफ दिख रहा था, उन्हें डर सताने लगा है। जिस प्रकार से लेह, लद्दाख और कारगिल के 150 आदिवासी सड़क पर उतर कर छठी अनुसूची में शामिल करने को लेकर आंदोलन कर रहे है और उन्हें छह हजार पुलिस उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक कि सोनम वांगचुक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
कारण स्पष्ट था कि वहां की जमीन अडानी को और लिथियम बैटरी को देने का सौदा कर लिया गया है। इसी प्रकार झारखंड में भी अब उन्हें आदिवासी-मूलवासी से डर सताने लगा है, इन्हें आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से डर लगता है। क्योंकि एनडीए के सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री, वर्तमान अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सहयोगी पार्टनर सुदेश महतो ओबीसी आरक्षण 27 से घटा कर 14 कर दिया। जबकि हमारी सरकार ने इसे फिर से 27 प्रतिशत करने का बिल पास कर दिया। भट्टाचार्य बुधवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आदिवासी हित की बात करने वाले प्रधानमंत्री और भाजपा सरना धर्म कोड पर चुप्पी साधे हुए है। लोकसभा चुनाव में झारखंड से एकत्रित की गयी मिट्टी खूंटी में अमित शाह को सौंपी गयी थी, हाल सभी को पता है। पांचों की पांचों आदिवासी सीट में साफ। आज फिर प्रधानमंत्री को दो मिट्टी का घड़ा सौंपा गया, अब सोचिए उसे भरने के लिए कितने गड्ढे किये गये होंगे। तो इतना तय है कि विधानसभा चुनाव में भी उसी गड्ढे में भाजपा का जाना तय है। हम ऐसी व्यवस्था कर देंगे कि आगामी पांच साल तक मोदी को कम से कम वोट मांगने के लिए झारखंड आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज पितृ पक्ष खत्म हुआ। दुर्गा पूजा के बाद काली पूजा आ रही है, जिसमें पूंजीपति रूपी दानवों का यहां की आदिवासी-मूलवासी जनता संहार कर देगी। भाजपा में भूतों (भूतपूर्व) की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी है। इनका भी नाश होगा।