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वंदेभारत ट्रेन में आएगी फ्लाइट की फीलिंग, 52 सैकेंड में पकड़ लेगी 110 किलोमीटर की रफ्तार

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जयपुर। अजमेर से जयपुर होकर नई दिल्ली के बीच संचालित होने वाली वंदेभारत अन्य वंदेभारत ट्रेनों के मुकाबले अलग होगी। इसमें कई अत्याधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई है। इसमें बैठते ही यात्रियों को फ्लाइट में बैठने जैसा एहसास होगा। स्टेशन आने से पहले ही अनाउंसमेंट होगा। अगर ट्रेन बीच रास्ते में रुक जाएगी तो लोको पायलट यात्रियों को कारण बताएंगे। इससे यात्री असमंजस में नहीं रहेंगे।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह ट्रेन अत्याधुनिक सुविधायुक्त ट्रेन है। यात्रियों को मनोरंजन के लिए लिए एलइडी व वाईफाई की सुविधा मिलेगी। सुरक्षा व संरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म लगाए गए हैं। खास बात है कि इसमें टॉक बैस फैसेलिटी होगी। इसके तहत लोको पायलट, गार्ड अनाउंसमेंट करेंगे। यात्री को भी स्वास्थ्य या अन्य कोई इमरजेंसी में तुरंत मदद मिल जाएगी। चेन पुलिंग जैसी स्थिति नहीं रहेगी। इस ट्रेन के गेट भी मेट्रो ट्रेन की तरह ऑटोमैटिक है। वे स्वत: ही खुल जाएंगे। उन पर कलर भी अलग किया गया है। इसकी सीटें भी फ्लाइट की तरह है, उनमें नंबर भी वैसे ही लिखे है। पीछे की सीटों को छोड़कर अन्य सीटें घूम सकेगी। विंडो और लगेज बॉक्स भी विशेष बनाए गए हैं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इसका तीन दिन का ट्रायल गुरुवार को पूरा हो गया है। संभवत: दस अप्रैल के आस-पास यात्री इसमें सफर कर सकेंगे। इस दौरान ट्रेन को गांधीनगर, रेवाड़ी, दौसा समेत अन्य स्टेशनों पर रोका गया। ट्रायल में कोच के हिलने, कंपन, बाहर की आवाज आना समेत कई खामियां मिली है। जिसे दूर किया जाएगा। खास बात है कि यह ट्रेन महज 52 से 56 सैकण्ड में 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ लेती है, जबकि अन्य ट्रेनों को दो से तीन मिनट लगते हैं। इस ट्रेन की सुरक्षा को लेकर रेलवे सुरक्षा बल भी अलर्ट हो गई है। आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि पत्थर फेंकते पाए जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गत वर्ष जयपुर मंडल में ट्रेन पर पत्थर फेंकने के आठ मामले सामने आए थे।

अब तक हुए ट्रायल में कुछ खामियां सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि ट्रायल के दौरान डिब्बे हिलने और बाहर की आवाज ट्रेन में आने की शिकायतें मिली हैं। हालांकि इसके बाद इंजीनियर्स और एक्सपर्ट की टीम इससे सही करने में लग गई है। इससे पहले वंदे भारत का अजमेर से आबूरोड ट्रायल किया गया था। इस दौरान ट्रेन को करीब 110 की स्पीड से दौड़ाया गया। इनमें पहला ट्रायल सक्सेस रहा था। दूसरे ट्रायल में कुछ खामियां पाई गईं। इसे तीसरे ट्रायल के लिए दिल्ली भेजा गया। इस ट्रेन में कवच तकनीक यानी ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम(आधुनिक सेंसर) का यूज किया गया है। ताकि दो ट्रेनों के बीच भिड़ंत न हो सके। इसमें एक लोको इंजन दूसरे इंजन के सामने आने की स्थिति में 380 मीटर की दूरी पर ही रुक जाता है। यानी एक्सीडेंट होने से पहले ही ट्रेन अलर्ट कर देगी और खुद ब खुद रुक जाएगी। इतना ही नहीं ट्रेन ड्राइवर के बिना ही सीटी बजाना शुरू कर देगी। ये सिस्टम भी कवच नाम के सेंसर में होगा। सामने फाटक आने पर ऑटोमैटिक ही हॉर्न बजना शुरू हाे जाएगा।

ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल किया जा सके। इसके फ्रंट को एयरो डायनामिक शेप दिया गया है, ताकि तेज गति पर चलने से इस पर हवा का दबाव ना पड़े। इससे ट्रेन के रनिंग टाइम में 10 से 15 सैकेंड की बचत होती है। ट्रेन में टॉयलेट में प्रेग्नेंट और नवजात शिशु के साथ वाली महिलाओं के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। वंदे भारत के कोच में दिव्यांगों के लिए अलग स्पेस भी दिया गया है। कोच में व्हीलचेयर पार्क करने के लिए अलग जगह है, ताकि दिव्यांगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। हर कोच में टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने के लिए बटन है, जो पैसेंजर सीट के पास ही है। अगर ज्यादा कूलिंग हो तो यात्री खुद एसी का टेम्प्रेचर बदल सकते हैं, हालांकि इसकी जरूरत नहीं हाेगी, क्योंकि ट्रेन में सपोर्टिंग स्टाफ भी होगा।

इस मामले में उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने कहा कि कोचेज के हिलने, बाहर की आवाज आने और वाइब्रेशन की शिकायत रूटीन है। इसे ठीक करने के प्रयास जारी हैं। इन कमियों को लेकर रेलवे के इंजीनियर काम कर रहे हैं।

जयपुर से दिल्ली का किराया लगभग तय हो चुका है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि चेयर कार का किराया न्यूनतम 800 रुपये है। इसमें कैटरिंग चार्ज शामिल नहीं है। एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1800 रुपये तक हो सकता है। इसमें रिजर्वेशन, सुपरफास्ट, जीएसटी और कैटरिंग चार्ज शामिल है। रेलवे की ओर से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार, दिल्ली से अजमेर के बीच ये ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी। सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार। हर सप्ताह बुधवार के दिन मेंटेनेंस के चलते इसका संचालन नहीं किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत में दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर को लेकर मेन्यू तैयार हो चुका है।

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