पूर्वोत्तर राज्यों में एएफएसपीए के तहत ‘अशांत क्षेत्रों’ को कम करेगा केंद्र
नयी दिल्ली 25 मार्च : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बताया कि केंद्र की मोदी-सरकार ने असम, नागालैंड और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) 1958 के तहत आने वाले ‘अशांत क्षेत्रों’ को कम करने का फैसला किया है।
श्री शाह ने कहा कि उत्तर पूर्व (पूर्वाेत्तर) क्षेत्र तेजी से शांति और विकास के पथ पर बढ़ रहा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा,“पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एक बार फिर से एएफएसपीए के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। यह निर्णय पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार के कारण लिया गया है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता देने के लिए भी प्रधानमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,“भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र जी ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी। नतीजतन, आज यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है।” शांति और विकास के पथ पर अग्रसर है।”
सत्तारूढ़ भाजपा केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर पूर्वोत्तर क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाती रही है। श्री शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में ‘सकारात्मक बदलाव’ लाने और इस क्षेत्र को शेष भारत के दिलों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इसके साथ ही उन्होंने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को भी बधाई दी।
इस बीच, गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा,“प्रधानमंत्री मोदी पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र को उग्रवाद मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्र सरकार इस संबंध में राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। सुरक्षा में सुधार के कारण मोदी सरकार ने एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 2015 में त्रिपुरा और 2018 में मेघालय से पूरी तरह से वापस ले लिया गया था।”
मंत्रालय के बयान में कहा गया,“अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1990 से पूरे असम में लागू था। मोदी सरकार के अथक प्रयासों के कारण सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के परिणामस्वरूप एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्रों को अप्रैल 2022 से नौ जिलों और एक अन्य जिले के एक अनुमंडल को छोड़कर पूरे राज्य से से हटा दिया गया था। एक अप्रैल 2023 से इसे घटाकर केवल आठ जिलों में कर दिया जाएगा।”
गृह मंत्रालय ने कहा,“मणिपुर (इम्फाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्र घोषणा 2004 से लागू है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए छह जिलों के 15 थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल, 2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से हटा दिया गया था और अब एक अप्रैल, 2023 से एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना चार अन्य थानों से वापस ले ली जाएगी। इस प्रकार, मणिपुर के सात जिलों के 19 पुलिस थानों को अशांत क्षेत्रों की अधिसूचना से हटा दिया गया है।”
उन्होंने कहा,“अशांत क्षेत्रों की अधिसूचना पूरे नागालैंड में 1995 से लागू थी। इस संदर्भ में गठित समिति की चरणबद्ध तरीके से एएफएसपीए को हटाने की सिफारिश के बाद 01 अप्रैल 2022 से सात जिलों के 15 पुलिस थानों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना वापस ले ली गई थी। वहीं, 01 अप्रैल, 2023 से तीन अन्य थाना क्षेत्रों से वापस ले लिया जाएगा। इसलिए, नागालैंड के आठ जिलों में कुल 18 थाना क्षेत्रों को एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना से हटाया जा रहा है।”
संतोष.संजय
वार्ता