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फियो की अमेरिका केंद्रित 750 करोड़ रु की विपणन योजना की सिफारिश

नयी दिल्ली, 26 दिल्ली : देश के निर्यातकों के शीर्ष फोरम फियो ने अमेरिका और चीन के बीच व्यापार में आयात प्रशुल्क की संभावित लड़ाई के बीच भारतीय निर्यात क्षेत्र के अवसर बढ़ाने के लिये सरकार को अमेरिकी बाजार पर केंद्रित करते हुये 750 करोड़ रुपये की तीन साल की विशेष विपणन योजना शुरू करने का सुझाव दिया है।

फियो का मानना है कि इससे भारत को तीन वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये के निर्यात के अतिरिक्त अवसर मिल सकते हैं।

फियो अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने बजट से पहले सरकार के समक्ष निर्यात क्षेत्र के लिये सिफारिशों की विस्तृत सूची प्रस्तुत की है। फियो ने आंतरिक अध्ययन के आधार पर कहा है, “ टैरिफ (प्रशुल्क) युद्ध से भारत के निर्यात के लिए बहुत बड़ा अवसर मिलने वाला है। चीन पर उच्च टैरिफ लगाने का इरादा रखने वाला अमेरिका भारतीय निर्यात के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा कर सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां चीन पहले एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। ”

फियो अध्यक्ष ने अपनी प्रस्तुति में कहा है, “ हमें इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनियों में भाग लेने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये (कुल मिलाकर 750 करोड़ रुपये) के कोष के साथ अमेरिका पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक विपणन योजना शुरू की जा सकती है, जिससे तीन वर्षों में 2,00,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निर्यात हो सके। ”

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में अगले माह डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार के गठन के बाद वहां चीन के कई उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की कार्रवाई किये जाने की संभावनायें जताई जा रही हैं।

उन्होंने कहा है कि भारत को अमेरिकी कंपनियों, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं के साथ साझेदारी करने की भी आवश्यकता है। फियो ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में खास कर इलेट्रानिक एवं इलेक्ट्रिक उपकरण, कपड़ा और परिधान, खेल-खिलौना, रसायन, जूते-चप्पल, फर्नीचर एवं होम डिकॉर तथा वाहनों के कल-पुर्जों का निर्यात बढ़ाने पर विशेष प्रयास करना चाहिये।

फियो के अध्ययन के मुताबिक इन क्षेत्रों में भारत की विनिर्माण क्षमता अच्छी है और अमेरिकी बाजार में इन सामानों की अच्छी खासी मांग रहती है, लेकिन अभी वहां चीन के निर्यातकों का दबदबा है।

फियो ने समय की मांग है कि स्थिति पर प्रतिक्रिया करने के बजाय इस अवसर का सक्रिय रूप से उपयोग किया जाये। सरकार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) आदि जैसे प्रमुख अमेरिकी संगठनों के साथ मिलकर इस प्रयास में उद्योग के साथ हाथ मिलाना चाहिये।

फियो ने कहा है कि सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिये खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के साथ अमेरिका में भारतीय मिशन के साथ घनिष्ठ समन्वय में केंद्रित बीएसएम का आयोजन किया जा सकता है। ये साझेदारियां भारत को अमेरिकी बाज़ार में विश्वास और ब्रांड पहचान बनाने में मदद कर सकती हैं।

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