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झारखंड विधानसभा बजट सत्र : आम्रपाली खदानों से निकल रहे ट्रकों में ओवरलोडिंग का मामला उठा

रांची। झारखंड विधानसभा में बुधवार को निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सदन में पूछा कि आम्रपाली खदान में शिवपुर रेल साइडिंग तक कोयला परिवहन में अनियमितता की जांच के लिए समिति बनी थी लेकिन अबतक ओवरलोडिंग रोकने की कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने पूछा कि ओवरलोडिंग के लिए जिम्मेवार व्यक्तियों पर क्या कार्रवाई हुई?

इसपर परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि आम्रपाली खदान से कोयला ढोने वाली ट्रकों में ओवरलोडिंग नहीं हो रही है। यह जांच में पाया गया है। ट्रकों का वजन भारत सरकार परिवहन मंत्रालय के मानक द्वारा निर्धारित किया गया है। परिवहन विभाग का दायरा खदान से होते हुए साइडिंग के बाद रोड पर आने के बाद शुरू होता है।

उन्होंने कहा कि आम्रपाली खदान में खनन विभाग निरीक्षण करते रहता है। परिवहन विभाग ओवरलोडिंग का चार्ज करता है। खान विभाग द्वारा कमेटी बनाई गई थी, जिसमें परिवहन विभाग के नामित अधिकारी भी हैं। रोड पर कभी-कभी चालान मिलाने का काम होता है।

झारखंड में 86060 रुपये प्रति व्यक्ति आय : मंत्री रामेश्वर उरांव

विधायक प्रदीप यादव ने सवाल उठाया कि किसानों की आय 2000 रुपये प्रतिमाह घटी है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में जब राज्य अलग हुए था उस समय भी झारखंड 26वें स्थान पर था और आज भी 26वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की आय में गिरावट आई है। उन्होंने सरकार से गरीबी के आकलन के लिए झारखंड में एक आयोग बनाने की मांग की।

इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय को दो तरह से मापा जाता है। एक करेंट प्राइस और दूसरा कांस्टेंट प्राइस पर। करेंट प्राइस के अनुसार झारखंड में 86060 रुपये प्रति व्यक्ति आय है। उन्होंने कहा कि जीडीपी में कृषि का प्रतिशत घटा है। आजादी के समय उद्योग नहीं थे। इसलिए आय का एकमात्र साधन कृषि था। उस समय कृषि का 50 प्रतिशत से ज्यादा कंट्रीब्यूशन होता था जो आज घटकर 17 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि सुखाड़ के कारण झारखंड में किसानों की आय घटी है। सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय बढ़ाई जाए। उन्होंने स्वीकार किया कि जितना प्रति व्यक्ति आय बढ़ना चाहिए, उतना नहीं बढ़ा है।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए वार्षिक बजट 2023-24 में ठोस आर्थिक रणनीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। इसके तहत कृषि, ग्रामीण कार्य एवं ग्रामीण विकास के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के लिए क्रमशः 4627 करोड़, 4293 करोड़ और 8166 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल एक लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपये के बजट में से 39736 करोड़ का प्रावधान आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए किया है, जिसका सीधा संबंध आम जनता की आय वृद्धि से है।

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