झारखंड : हजारीबाग में रामनवमी से पहले नौ के खिलाफ नामजद, 200 अज्ञात पर एफआईआर, जानें पूरा मामला
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रांची/हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले में पिछले 14 मार्च को मंगला जुलूस के दौरान हुए उपद्रव के मामले में जिला प्रशासन ने नौ के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। लोगों ने ये जुलूस सरकार के उस आदेश के खिलाफ निकाला था, जिसमें रामनवमी के अवसर पर रिकॉर्डेड संगीत बजाने और लाठी सहित पारंपरिक हथियार ले जाने पर रोक लगाई गई है। लोगों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर हिंदू त्योहारों में इस तरह की बाधा डालती है।
एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करते हुए, आंदोलनकारियों ने जुलूस के दौरान रिकॉर्डेड संगीत बजाया और 30 मार्च से शुरू होकर एक अप्रैल को समाप्त होने वाले रामनवमी जुलूस के दौरान भी अशांति पैदा करने की धमकी दी। सर्किल अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि त्योहार के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गुरुवार को हजारीबाग सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे ने कहा, ‘जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। त्योहार के दौरान किसी को भी गड़बड़ी करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’
लोगों पर हुई एफआईआर के विरोध में स्थानीय लोग खड़े होने लगे हैं। शुक्रवार को इसको लेकर जमकर प्रदर्शन हुआ। रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष शशि भूषण केसरी पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर रामनवमी को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि किसी भी जुलूस- पर्व में धारा-144 लगाने का औचित्य क्या है?