झारखंड विधानसभा से शिक्षा विभाग का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित
रांची, 17 मार्च । झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद शिक्षा विभाग का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हुआ। विपक्ष के कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए गंभीर है। बहुत सदस्यों की यह मांग थी कि पूर्व की सरकार में मर्ज किए गए स्कूलों को फिर से खोला जाता। इसपर सरकार की तरफ से सभी उपायुक्तों को पत्र गया है। बहुत जल्द पूर्व की सरकार में मर्ज किए गए 4096 स्कूलों को खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल में ड्राप आउट चिंता का विषय है। इसपर कैसे रोक लगे, सरकार गंभीर है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट में मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। आदर्श विद्यालय योजना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पारा शिक्षकों का मामला काफी समय से लंबित था। हमारी सरकार ने इसका समाधान किया। इनकी सेवा 60 वर्ष तक की गई। साथ ही प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। मॉडल स्कूल छात्रावास के लिए 35 करोड़, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास के लिए 81 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है।
स्कूल में बच्चों के मध्याह्न भोजन में अंडा और फल को शामिल किया गया है। इसके लिए बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उत्क्रमित विद्यालयों के शिक्षक एवम शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन के लिए 575 करोड़ का प्रावधान किया गया है। गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू कर दी गयी है । इसके तहत उच्च शिक्षा के लिए झारखंड के छात्रों को 15 लाख रुपये चार प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जाएगा।
अनंत ओझा ने कटौती प्रस्ताव रखा
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अनुदान मांग पर अनंत ओझा ने कटौती प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी जब प्रधान मंत्री बने तब मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया। प्रारंभिक शिक्षा सभी को मिले इसके लिए इस अभियान को शुरू किया गया था। धीरे-धीरे प्रारंभिक शिक्षा को आगे बढ़ाने का अनुभव झारखंड में भी रहा। आज सरकार ने जो बजट मांगा है, आकर बढ़ाया। शिक्षा पर पिछले वर्ष 13.54 प्रतिशत दिया था, इस बार 12.08 प्रतिशत है। उसमें भी 11 महीनों में 61 प्रतिशत ही खर्च हो पाई है। बचे तीस दिनों में 40 प्रतिशत राशि कैसे खर्च होगी, बड़ा सवाल है। वित्त मंत्री ने जो बातें रखीं उसका कितना अनुपालन हुआ।
हेमन्त सरकार ने वादे के अनुरूप पारा शिक्षकों को सम्मान दिया: सरफराज अहमद
झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि हेमन्त सरकार ने वादे के अनुरूप पारा शिक्षकों को सम्मान दिया, अब वो कह सकते हैं कि वह सहायक शिक्षक हैं। कोरोना में भी पढ़ाई बाधित नहीं हुआ, ऑनलाइन पढ़ाई जारी रही।
घोषणाओं को पारित करने का समय आ गया है। मॉडल स्कूल की हालत क्या है यह देखा जाना चाहिए। नेतरहाट और इंदिरा गांधी स्कूल की तर्ज पर कोल्हान और संथाल में स्कूल खोले। लेकिन सभी जगह एडमिशन नहीं हुआ, बच्चों को नुकसान उठाना पड़ा। उर्दू हिंदुस्तानियों की जुबान है, ये शेरो शायरी उर्दू में करते हैं। उर्दू कौंसिल बनना चाहिए। 2022 में गैर सरकारी संकल्प के जरिए मदरसा और संस्कृत बोर्ड बनाने की मांग की थी। एकेडमिक काउंसिल के साथ उन संस्थाओं को मर्ज कर दिया गया है। मेरी राय है कि संस्थाओं को फिर से चलाने की व्यवस्था की जाए। पिछली सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया, जिस गांव में स्कूल बंद हुआ है, वहां की बच्चियां स्कूल नहीं जा पा रही। सरकार ने कहा है की उन स्कूलों को खोल दिया जायेगा।
अदूरदर्शिता के कारण राज्य रसातल में जा रहा : नीरा यादव
भाजपा विधायक नीरा यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के कारण देश के प्रति विश्व का नजरिया बदला है लेकिन झारखंड सरकार की अदूरदर्शिता के कारण राज्य रसातल में जा रहा है। वित्त मंत्री के प्रतिवेदन में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। लगा था कि पिछली सरकार का काम आगे बढ़ाएगी लेकिन पिछले सरकार के अच्छे काम को आगे नहीं बढ़ाया गया।
हिन्दुस्थान समाचार