सपा मुखिया अखिलेश यादव को सद्बुद्धि दे भगवान: केशव प्रसाद मौर्य
- भगवान कामतानाथ के दर्शन कर उपमुख्यमंत्री ने कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई
- परिक्रमा कर मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव पर साधा निशाना
चित्रकूट, 30 जुलाई । भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में आयोजित भाजपा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग में शिरकत करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने शनिवार को मनोकामनाओं के पूरक भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन और पूजन किया।
उपमुख्यमंत्री ने दर्शन पूजन के साथ ही उन्होंने कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। इस दौरान मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता को लेकर किए गए ट्वीट पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पराजय दर पराजय का सामना करने से समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी दल बौखलाए हुए हैं। अखिलेश यादव को लगता था कि धरती में वहीं एक मनुष्य है जिन्होंने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे बना दिया। जबकि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में अब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे का प्रदेश बन गया है। यह उनको बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने से यहां विकास होगा। इलाके के पर्यटन विकास को रफ्तार मिलेगी। पहले जो भूमि कोई 50 हजार बीघा नहीं लेता था वह अब 50 लाख बीघा बिक रही है। बुंदेलखंड के लोगों के आय बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे में हाथी के विचरण करते फोटो शेयर कर लिखा था कि ‘ये तो गनीमत है कि पाबंदी के बावजूद हाथी जी सपा के बनाए मजबूत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर विचरण कर रहे हैं, कहीं गलती से ये बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चले गए होते तो गुणवत्ता का मारा वो बेचारा इनका वजन यह नहीं पाता… वो खुद खंडित होता और ये चोटिल होते।
बता दें कि, धर्मनगरी में आयोजित भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग में शिरकत करने पहुंचे उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बांदा-चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे और वरिष्ठ नेता देव त्रिपाठी आदि के साथ देश और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना को लेकर मनोकामनाओं के पूरक भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन और पूजन किए। इसके बाद कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज आदि संतों से आशीर्वाद लिया और कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई।
(हि.स.)