राहुल गांधी मीडिया के सामने आए, बोले- मुझे मारो-पीटो, जेल में डालो, फर्क नहीं पड़ता, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा
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नई दिल्ली। गुजरात की सूरत कोर्ट से आपराधिक मानहानि के मामले में सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। संसद से अयोग्य घोषित होने के बाद शनिवार (25 मार्च) को राहुल गांधी पहली बार मीडिया के सामने आए। राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है, इसके रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं। राहुल गांधी ने ये भी कहा, “मुझे मारो-पीटो, जेल में डालो, फर्क नहीं पड़ता, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।”
उन्होंने कहा, अडानी जी की शेल कंपनी हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने निवेश किया, अडानी जी का पैसा नहीं है, पैसा किसी और का है, सवाल ये है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं। मैंने संसद में प्रूफ लेकर, मीडिया रिपोर्ट्स निकालीं। अडानी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल में बोला। ये रिश्ता नया नहीं है, रिश्ता पुराना है। मैंने इसको लेकर सवाल पूछा।
राहुल गांधी ने कहा, “मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं, आप मुझे जेल में डालकर नहीं डरा सकते, ये मेरा इतिहास नहीं है… मैं हिंदुस्तान के लिए लड़ता रहूंगा। संसद में मुझे बोलने नहीं दिया गया, मैंने संसद के स्पीकर को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।” राहुल गांधी ने कहा कि संसद से मेरे भाषण हटाया गया, लेकिन मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।
राहुल गांधी ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है सब समाज एक हैं, सबको एक होकर चलना है, भाईचारा होना चाहिए, सबमें प्यारा होना चाहिए, नफरत नहीं होनी चाहिए, हिंसा नहीं होनी चाहिए, ये ओबीसी का मामला नहीं है, ये मोदी जी और अडानी जी के रिश्ते का मामला है, मुझे तो इस बात का जवाब चाहिए कि अडानी जी को 20 हजार करोड़ कहां से मिले?”
सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. हालांकि, सुनवाई के दौरान ही अदलात ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें. राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “क्यों सभी चोरों का समान उपनाम (सरनेम) मोदी ही होता है?”