HindiNationalNews

आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे: पीएम मोदी

नई दिल्ली/माले । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव की राजकीय यात्रा पर राजधानी माले पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया है कि आने वाले समय में भारत-मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की ओर से भव्य स्वागत पर पीएम मोदी ने खुशी जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं माले पहुंच गया हूं। मुझे बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति मुइज्जू मेरा स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर आए। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।”

इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के माले पहुंचे, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। एक विशेष सम्मान के रूप में राष्ट्रपति मुइज्जू और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री की मालदीव की यह तीसरी यात्रा है। प्रधानमंत्री मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में भाग लेंगे।”

भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ और मालदीव तथा भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल के दौरान किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख की यह पहली यात्रा भी है।

दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का भी जायजा लेंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच चर्चा में बुनियादी ढांचे के विकास, रक्षा सहयोग और आर्थिक संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी मजबूत होगी।

भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं। भारत 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता देने और राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। वर्षों से यह संबंध घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण और राजनीतिक विवाद से मुक्त रहे हैं।

मालदीव में 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भारत की त्वरित सैन्य सहायता ने स्थायी विश्वास का निर्माण किया। इसके बाद भारतीय सैनिकों की त्वरित वापसी ने मालदीव की संप्रभुता को सुनिश्चित करने में मदद की, जिससे भारत की एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में छवि मजबूत हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *