HindiNationalNewsPolitics

दूषित जल की समस्या से प्रभावित बस्तियों की संख्या चार साल में तेजी से गिरी

नयी दिल्ली, 20 मार्च : देश में पेयजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और हैवी मेटल की ऊंची मात्रा की समस्या से प्रभावित मानव बस्तियों की संख्या में जल जीवन मिशन जैसी सरकारी योजनाओं के चलते चार साल में तेजी से कमी आयी है।

सरकार ने राज्य सभा में सोमवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एक अप्रैल 2019 को खारेपन और हानिकारक रसायनों और धातुओं से दूषित जल की समस्या से प्रभावित बस्तियों की संख्या 57,539 थी। यह संख्या 15 मार्च 2023 तक घट कर 21,828 पर आ गयी । इस दौरान आर्सेनिक से प्रभावित बस्तियों की संख्या 14,020 से घट कर 652, फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों की संख्या 7,996 से घट कर 445, लौह से प्रभावित संख्या 18,599 से घट कर 10,229, खारापन 13,319 से 9,906, नाइट्रेट 1,443 से 509 और हैवी मेटल से दूषित बस्तियों की संख्या 2019 में 2,162 की तुलना में 87 पर आ गयी।

जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्य सभा में एक लिखित प्रश्न में यह जानकारी देते हुए कि जलापूर्ति राज्यों का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार जल जीवन मिशन (जेजेएम)- हर घर जल को अगस्त, 2019 से राज्यों के साथ साझेदारी में लागू कर रही है, ताकि पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता और नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान किया जा सके।

मनोहर.श्रवण

वार्ता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *