जानबूझकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है सत्ता पक्ष : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष संसद को चलने नहीं दे रही है। यह सरकार विपक्ष के किसी सवाल का जवाब देना नहीं चाहती है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व सदन के उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने सोमवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 13 मार्च से सत्तापक्ष संसद को चलने नहीं दे रही है। यह सब पीएम मोदी के इशारे पर हो रहा है। क्योंकि मोदी सरकार अडानी मुद्दे पर संवाद करना नहीं चाहती है। यह सरकार नहीं चाहती कि अडानी समूह पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।
तिवारी ने कहा कि समूचे विपक्ष की मांग है कि अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए। क्योंकि अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है। इसलिए मामले की जांच जेपीसी से कराई जानी चाहिए।
तिवारी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस घोटाले में मोदी सरकार शामिल है। अगर इसकी जांच जेपीसी से कराई गई तो भाजपा का नकाब उतर जाएगा और ऊपर से नीचे तक उन सभी का पर्दाफाश हो जाएगा, जिन्होंने मध्यवर्ग और गरीबों का हक छीनकर अडानी की तिजोरी भरी है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि अडानी समूह पर बहुत गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन केन्द्र सरकार सदन में चर्चा तो दूर इस मुद्दे पर बातचीत तक करना नहीं चाहती है। यह पहली बार देखा जा रहा है कि इतना गंभीर घोटाला होने के बाद भी सरकार कोई बयान नहीं दे रही है।
उल्लेखनीय है कि आज संसद की कार्यवाही शुरु होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में एकत्र हुए और सभी ने अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए जेपीसी के गठन को लेकर सहमति जताई। असल में हिंडनबर्ग ने बीते दिनों एक रिपोर्ट प्रकाशित कर अडानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग का दावा है कि अडानी समूह ने खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने के अलावा शेल कंपनियां बनाने का अनैतिक कार्य किए हैं। हालांकि अडानी समूह ने इन आरोपों से इनकार किया है।