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वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में अगस्त में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

नयी दिल्ली, 17 सितंबर: सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा। पिछले साल इसी महीने निर्यात 38.28 अरब डॉलर था।

इस साल अगस्त महीने में वस्तु आयात बढ़कर 64.36 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 62.30 अरब डॉलर था। इसके परिणामस्वरूप, अगस्त 2024 में व्यापार घाटा बढ़कर 29.56 अरब डॉलर रहा।

वस्तु निर्यात में पिछले महीने जुलाई में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में अनंतिम आंकड़ों के आधार पर कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात 1.14 प्रतिशत बढ़कर 178.68 अरब डॉलर जबकि आयात सात प्रतिशत बढ़कर 295.32 अरब डॉलर रहा।

सेवाओं के व्यापार के मोर्चे पर, अगस्त महीने के दौरान भारत से सेवाओं का कुल निर्यात पिछले साल के इसी महीने के 28.71 अरब डॉलर के मुकाबले 30.69 अरब डॉलर रहा, जबकि सेवाओं का आयात 15.09 अरब डॉलर की तुलना में मामूली रूप से बढ़कर 15.70 अरब डॉलर रहा।

अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान कुल (वस्तु और सेवा निर्यात) मिलाकर कुल निर्यात 374.33 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि अप्रैल-अगस्त 2023 में यह 350.11 अरब डालर डॉलर था। इस तरह अप्रैल से अगस्त के बीच कुल निर्यात में 5.35 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान कुल आयात 7.20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 375.33 अरब डॉलर रहने का अनुमान है ।

सेवा क्षेत्र के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी नवीनतम डेटा जुलाई 2024 के लिए हैं जबकि सरकार के अगस्त 2024 के आंकड़े अनुमानित हैं।

विज्ञप्ति के मुताबिक अगस्त 2024 में व्यापारिक निर्यात वृद्धि के प्रमुख चालकों में इंजीनियरिंग सामान, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सभी वस्त्रों का आरएमजी और ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 4.36 प्रतिशत बढ़कर अगस्त 2024 में 9.44 अरब डॉलर हो गया जो पिछले साल इसी माह 9.05 अरब डालर था। इसी तरह कार्बनिक और अकार्बनिक रसायनों का निर्यात अगस्त 2023 के 2.19 अरब डॉलर की तुलना में 8.32 प्रतिशत बढ़कर इस वर्ष अगस्त में 2.37 अरब डॉलर हो गया।

इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2023 के 2.16 अरब डॉलर से 7.85 प्रतिशत बढ़कर अगस्त 2024 में 2.33 अरब डॉलर हो गया।

मंत्रालय ने कहा कि सभी सिलेसिलाए कपड़ों का निर्यात 11.88 प्रतिशत बढ़कर अगस्त 2024 में 1.27 अरब डॉलर हो गया जबकि अगस्त 2023 में 1.13 अरब डॉलर था। दवाओं का निर्यात 2.35 अरब डालर पर 4.67 प्रतिशत ऊंचा रहा।

निर्यात मूल्य के हिसाब अगस्त 2024 निर्यात के लिए अच्छे रहे शीर्ष पांच देशों में नीदरलैंड को निर्यात में (28.92 प्रतिशत), केन्या (105.72 प्रतिशत), रूस (44.61 प्रतिशत), ब्राजील (27.05 प्रतिशत) और ब्रिटेन (14.57 प्रतिशत) शामिल हैं।

भारतीय निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि वस्तुओं निर्यात में अगस्त में तीव्र गिरावट निरंतर जारी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, जिंसों की कीमतों में गिरावट और लॉजिस्टिक क्षेत्र की चुनौतियों के कारण आयी है।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल और धातु की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ चल रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवधानों से निर्यात पर बुरा प्रभाव पड़ा है। फियो अध्यक्ष ने दोहराया कि कुछ निर्यातकों ने घरेलू बाजार का रुख किया है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय माल ढुलाई (जहाज और हवाई दोनों) में तेज वृद्धि के साथ निर्यात कारोबार में लाभ में कमी आयी है। श्री कुमार ने यह भी कहा कि यदि लॉजिस्टिक्स और शिपिंग सेवाओं की अड़चने जिंसों की कीमतों में गिरावट जैसी चुनौतियां न होतीं तो भारत के वस्तु निर्यात में वृद्धि रहती।

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात ने अगस्त 2024 में लगातार चौथे महीने सकारात्मक साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की। उन्होंने कहा कि इस्पात के निर्यात में चीन के सस्ते माल से प्रतिस्पर्धा के कारण कई महीने से गिरावट दिख रही है नहीं तो ये आंकड़े बेहतर होते।

श्री गरोडिया ने कहा कि इसके अलावा, घरेलू विनिर्माताओं की रक्षा के लिए लागू प्रशुल्कों से किनारा काटते हुए चीन का इस्पात मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वाले कुछ देशों के मार्गों से भारत में प्रवेश कर रहा है। इससे देश के निर्यातक समुदाय में चिंता बढ़ रही है। इस मुद्दे को हल करने के लिए, इन एफटीए की समीक्षा और फिर से बातचीत करना आवश्यक है।

ईईपीसी को उम्मीद है कि बजट 2024 में घोषित विभिन्न उपायों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण आगे भारत के इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में सुधार होगा।

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