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झारखंड हाई कोर्ट ने आरपीएफ जवान को फांसी की सजा पर फैसला रखा सुरक्षित

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में घुसकर 17 अगस्त 2019 की रात परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या व दो लोगों को जख्मी करने मामले में फांसी की सजा पाए अभियुक्त पवन कुमार सिंह की सजा के खिलाफ क्रिमिनल अपील एवं राज्य सरकार द्वारा फांसी को कंफर्म करने वाली अपील की सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

सीआरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को रामगढ़ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 16 मार्च, 2023 को सजा सुनाई थी। अदालत ने पवन को धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ धारा 307 में 10 साल कारावास और आर्म्स एक्ट में सात साल कारावास की सजा के साथ दोनों ही धाराओं में 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया। मामले में पूर्व डीएसपी संजीव कुमार बेसरा और मेदांता के चिकित्सक के अलावे सभी 16 की गवाही हुई थी।

आरपीएफ जवान रहे पवन कुमार सिंह रोज रेल कर्मी अशोक राम के घर से दूध लेने आता था। 17 अगस्त, 2019 की रात 9:00 बजे वह अशोक राम के घर दूध लेने गया था। विवाद होने पर उसने अशोक राम समेत परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। गोली लगने से अशोक राम व उसकी पत्नी लीला देवी और उनकी गर्भवती पुत्री वर्षा देवी उर्फ मीना देवी की मौत हो गयी थी जबकि बेटी सुमन देवी तथा पुत्र संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना को अंजाम देने के बाद जवान आरपीएफ के बैरक में गया था। हत्या में इस्तेमाल की गयी सरकारी पिस्टल को वह बैरक में ही छोड़कर भाग गया था, पुलिस ने घटना में प्रयुक्त उसके हथियार को बरामद कर लिया था। घटना के बाद से वह फरार था। 21 मार्च, 2020 को पुलिस ने उसे बिहार के भोजपुर जिले के तरारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।

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