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देश की ग्रामीण और कृषि व्यवस्था में नए सुधार सराहनीय : राज्यपाल

रांची। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार काे राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि राष्ट्रपति का प्रेरणादायी व्यक्तित्व आज के इस समारोह की शोभा व गरिमा और भी बढ़ा रहा है। राष्ट्रपति ने छह वर्षों से अधिक राज्यपाल के रूप में झारखंड की सेवा की और राज्य के विकास के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनकी सादगी, मृदु स्वभाव और जनता के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें एक “पीपुल्स गवर्नर” के रूप में स्थापित किया।

राज्यपाल ने कहा कि एक अत्यंत साधारण सी पृष्टभूमि से आने वाली हमारी राष्ट्रपति कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली महिला बनीं। उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी शिक्षा ग्रहण किया। वे बालिकाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। विशेष रूप से उन लड़कियों के लिए जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर करती है। राज्य के किसानों को खुशहाल बनाना ही हमारी समृद्धि का आधार है। प्रधानमंत्री किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ और ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ जैसी योजनाएं किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो रही हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के नेतृत्व में ग्रामीण और कृषि व्यवस्था में नए सुधार हो रहे हैं, वह सराहनीय हैं।

संतोष गंगवार ने कहा कि आज हम सभी के लिए गर्व का क्षण है कि हम राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के शताब्दी समारोह में भाग ले रहे हैं। यह संस्थान पूर्व से केवल लाह उत्पादन एवं अनुसंधान पर केन्द्रित था। इस संस्थान द्वारा पिछले 100 वर्षों में भारतीय कृषि को नई दिशा प्रदान की गई है। संस्थान ने लाख उत्पादन, प्रोसेसिंग और मूल्यवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है, जिसने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के किसानों को समृद्ध बनाने में योगदान दिया है।

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