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डालमिया भारत ने पूर्वी भारत में अपनी ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल की 5वीं वर्षगाँठ मनाई

रांची: भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनी, डालमिया भारत लिमिटेड ने पूर्वी भारत में अपने परिचालन क्षेत्रों में अपनी ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल की 5वीं वर्षगाँठ मनाई। इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए, डालमिया भारत ने 272 अनुभवी ठेकेदारों को उनके परिवारों, डीलरों और ठेकेदार समुदाय की उपस्थिति में सम्मानित किया। इस पहल के माध्यम से, डालमिया भारत अपने समुदाय के भीतर ‘गुरु’ माने जाने वाले अनुभवी ‘राजमिस्त्रियों’ के शिल्प कौशल को पहचान दिलाने के लिए समर्पित है। इस प्रकार, उन्हें निर्माण उद्योग में उनके महत्वपूर्ण योगदान और ठेकेदारों की भावी पीढ़ियों को सलाह देने के लिए सम्मानित किया गया है।

झारखंड में एक समारोह के दौरान, डालमिया सीमेंट के प्रतिनिधियों ने 41 बुजुर्ग और सम्मानित ठेकेदारों को सम्मानित किया। प्रत्येक सम्मानित ठेकेदार को एक विशेष ट्रॉफी, स्मृति चिन्ह, एक शॉल, एक उपहार और विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक फोटो एलबम प्रदान किया गया, जो उद्योग में उनके जीवनभर के अविश्वसनीय काम और योगदान को प्रदर्शित करने पर आधारित है।

इस अवसर पर बोलते हुए, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमें आज अपनी ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल के 5वें संस्करण का जश्न मनाते हुए बेहद गर्व हो रहा है। हमारे अनुभवी राजमिस्त्री निर्माण जगत के स्तंभ हैं, जिनके कौशल और मार्गदर्शन से इस समुदाय में असंख्य लोगों का करियर स्थापित हुआ है। डालमिया भारत का लक्ष्य ठेकेदार समुदाय के योगदान को मान्यता देकर न सिर्फ उनके साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना है, बल्कि क्षेत्र में उभरने वाले बिल्डर्स को भी प्रेरित करना है। हम इस परंपरा को जारी रखने तथा निर्माण उद्योग में शामिल लोगों के लिए सम्मान और एकता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।”

शिल्प कौशल और कौशल के देवता माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा का ठेकेदार समुदाय के जीवन में बहुत महत्व है। डालमिया भारत विश्वकर्मा पूजा के दौरान वर्ष 2020 से, पूर्वी क्षेत्र में ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य ठेकेदारों के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देना और विश्वास बनाए रखना है। विगत कुछ वर्षों में, इस पहल की पहुँच और प्रभाव दोनों में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है, जो निर्माण उद्योग में अनुभवी ठेकेदारों के अमूल्य योगदान को पहचानने और सम्मानित करने के महत्व पर प्रकाश डालती है।

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