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Bihar by-election 2024: नीतीश को किस बात का सता रहा डर, बिहार उपचुनाव में मंच से क्यों दे रहे सफाई?

कटिहार: बिहार विधान सभा चुनाव में अभी करीब एक साल का वक्त बचा है, लेकिन उससे पहले चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घबराहट दिख रही है। हालांकि जिन चार विधान सभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उनमें से तीन यानी बेलागंज, रामगढ़ और तरारी विधान सभा महागठबंधन के कब्जे में रहा। मात्र इमामगंज पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी यानी एनडीए का कब्जा रहा। लेकिन कहीं इन चार विधान सभा उप चुनाव का रिजल्ट आगामी विधान सभा चुनाव के लिए नजीर न बन जाए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को कटिहार में विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए गए थे, लेकिन एक अंजाने भय से ग्रसित दिखे। वह मंच से बिहार की जनता को एक ही संदेश दे रहे थे कि अब हम कहीं नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ रहेंगे। कोई दाएं-बाएं नहीं होगा।

तेजस्वी यादव का नाम लिए बगैर कहा कि हम गलती से दो बार उसको (तेजस्वी यादव) मौका दिए थे। दोनों बार उसने गड़बड़ी की।

  • मुस्लिमों को भी साधने की कोशिश की

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिप्लोमेटिक तरीके से गिरिराज सिंह की यात्रा के प्रभाव को कम करते कहा कि मुसलमान के लिए हमने बहुत काम किया है। पहले मुस्लिम समाज के लोग भटक जाते थे, लेकिन अब सब साथ हैं।

हमलोगों ने सभी के लिए काम किया है। किसी भी जाति, धर्म और वर्ग सभी के लिए हमने काम किया है। मुसलमान लोग भी कहते हैं पहले कितना ज्यादा झगड़ा होते रहता था। सभी लोग भटकते रहते थे। हमलोग जब आए तो अब कहीं भी हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा नहीं होता है। सभी तरह से सुधार दिए। हमारी सरकार सभी के लिए काम करती है।

कहां-कहां फंस रहा है पेंच?

  • एनडीए का पहला पेंच चार विधान सभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव रिजल्ट को अपने हक में करने को लेकर है। एनडीए के रणनीतिकार उप चुनाव को लिटमस टेस्ट के रूप में मान रहे हैं।
  • जनता दल यू का पेंच बेला गंज विधान सभा में फंसा है। यहां के हालात यह है कि 2020 के विनर राजद के सुरेंद्र यादव और जदयू उम्मीदवार अभय कुशवाहा दोनो राजद में हैं।
  • बेलागंज विधान सभा का दूसरा पेंच यह है कि यहां मुस्लिमों की आबादी 15.8 और यादव का 15.6 प्रतिशत है। ऐसे में गिरिराज सिंह का हिंदू स्वाभिमान यात्रा का प्रभाव बेला गंज के विधान सभा पर पड़ सकता है।
  • इस उप चुनाव में जन सुराज का चुनावी जंग में उतरना भी एक पेंच ले आया है। हालांकि जन सुराज चारों विधान सभा उप चुनाव में उम्मीदवार उतारने जा रही है। जहां तक जन सुराज के सूत्रों की माने तो बेला और इमामगंज विधान सभा प्रशांत किशोर के विशेष निशाने पर हैं। जन सुराज एंटी राजद और मुस्लिम मतों को साध कर परिणाम को बदलना चाहती है। मिली जानकारी के अनुसार बेला और इमामगंज में मुस्लिम मतों की अधिकता देख मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं। बेला में ,15.8 तो इमामगंज में 14.9 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।

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