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अगले छह महीने में पुलिस बल के बचे हुए 78 हजार पदों पर होगी बहाली : नीतीश

पटना 21 अक्टूबर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पुलिस महानिदेशक को अगले छह महीने में पुलिस बल के शेष बचे हुए 78 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।

श्री कुमार ने सोमवार को यहां सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 1239 नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि बिहार में पुलिसबल की संख्या दो लाख 29 हजार होनी चाहिए। अभी पुलिसबल की संख्या एक लाख 10 हजार है। इक्कीस हजार पुलिसबल की बहाली प्रक्रिया जारी है। बीस हजार पुलिसबल की बहाली के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुये कहा कि शेष 78 हजार पुलिसबल की बहाली जल्द कराएं। अगले छह महीने में बचे हुए पदों की बहाली प्रक्रिया पूरी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने पुलिसिंग सिस्टम को ठीक किया है। थाना के कार्यों को दो भागों- केसों के अनुसंधान और विधि व्यवस्था को अलग-अलग किया ताकि कार्यों को त्वरित और बेहतर ढंग से निष्पादित किया जा सके। रात के साथ ही दिन में भी पुलिस गश्ती की व्यवस्था की गई है। पुलिस गश्ती होने से अपराध में कमी आई है।” उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के पहले कानून व्यवस्था का कितना बुरा हाल था। लोग शाम में घर के बाहर नहीं निकलते थे। अब देर रात तक लोग घर से बाहर निकलकर अपना काम निर्भीक होकर कर रहे हैं। पहले आपस में लोग झगड़ा करते थे। हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा होता था, अब सब ठीक हो गया है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल की गई। कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में पुलिस की बड़ी भूमिका होती है। बिहार पुलिस सभी कार्यों को बेहतर ढंग से और पूरी मेहनत के साथ कर रही है।

श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत हमलोगों ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की बात कही थी। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। दस लाख लोगों को और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। दस लाख नौकरी देने की जो बात कही गई थी उसमें से सात लाख 16 हजार लोगों को नौकरी दी जा चुकी है। हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि अब 10 लाख की जगह 12 लाख नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों एवं धर्मों के लोगों को नौकरी और रोजगार दिया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है।

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