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प्राकृतिक कृषि को गति देने को देवव्रत कर रहे हैं मिशन मोड में काम: मोदी

अमरेली, 28 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि गुजरात में प्राकृतिक कृषि को गति देने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत मिशन मोड में काम कर रहे हैं।
श्री मोदी ने अमरेली जिले में लगभग 4900 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के आज लोकार्पण और शिलायास अवसर पर कहा कि प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में अमरेली को प्रगतिशील बताते हुए कहा कि गुजरात में प्राकृतिक कृषि की अलग यूनिवर्सिटी हालोल में शुरू हुई है और उससे जुड़े प्राकृतिक कृषि के पहले कॉलेज की भेंट अमरेली को मिली है। उन्होंने अमरेली में सहकारिता क्रांति का उल्लेख करते हुए कहा वर्ष 2007 में अमर डेयरी की शुरुआत के समय 25 गांवों में सहकारी समिति थी। आज 700 से अधिक गांवों की सहकारी समितियां डेयरी के साथ जुड़ी हैं और प्रतिदिन सवा लाख लीटर दूध एकत्रित होता है।
उन्होंने कहा कि श्वेत और हरित क्रांति के साथ हमने स्वीट रिवॉल्यूशन शुरू किया था। आज अमरेली जिले के किसान खेतों में शहद उत्पादन प्रोजेक्ट के जरिए खेतों में मधुमक्खी पालन कर शहद के उत्पादन के साथ अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं। इसके साथ ही अमरेली के शहद की एक विशेष पहचान भी बन गई है। पर्यावरण के क्षेत्र में बड़े कार्यों को अनिवार्य बताते हुए उन्होंने कहा कि जब हम ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख करते है, तब दुनिया के लोगों की आंखों में एक चमक आ जाती है। उन्होंने कहा कि हमने एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसके अंतर्गत पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से सामान्य परिवार सालाना बिजली बिल के 25-30 हजार रुपए बचा सकता है और अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए देश भर में डेढ़ करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है, जबकि गुजरात में दो लाख से अधिक घरों में सोलर पैनल लग भी गए हैं।
श्री मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र में अमरेली के अव्वल होने का उल्लेख करते हुए कहा कि सांसद गोविंदभाई धोलकिया ने दुधाला गांव को सोलर गांव बनाने का अभियान शुरू किया है। इससे गांव के लोगों के बिजली बिल के पैसे बचेंगे। दुधाला अब सोलर विलेज के रूप में देश में अपनी पहचान बनाने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पानी और पर्यटन का सीधा संबंध है। अमरेली जल समृद्ध हो रहा है, तब यायावर पक्षियों को यहां एक नया ठिकाना मिलेगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमने सरदार सरोवर बनाने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित कर इस स्थान की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। गत वर्ष 50 लाख लोगों ने सरदार साहेब के दर्शन किए हैं। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार साहब की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय एकता दौड़ आयोजित की जाती है, लेकिन इस वर्ष दिवाली का त्योहार होने के कारण एकता दौड़ 29 अक्टूबर को आयोजित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोरबंदर जिले के मोकर सागर में कर्ली रिचार्ज सरोवर को विश्व स्तरीय सस्टेनेबल इकोटूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे इकोटूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। वहां साहसिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यहां बर्ड सैंचुरी भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम ब्लू रिवॉल्यूशन को गति देने के साथ पोर्ट लेड डेवलपमेंट को गति दे रहे हैं, अतीत में जो समुद्री तट क्षारीय तट माना जाता था, उसे समृद्धि का द्वार बनाने को प्राथमिकता देकर कार्य कर रहे हैं और हमारे गुजरात के बंदरगाहों को देश के अन्य बंदरगाहों के साथ जोड़ रहे हैं। इसके अलावा, भारत के ऐतिहासिक बंदरगाह को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए लोथल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्पेल्क्स के रूप में विश्व स्तरीय म्यूजियम बनाया जा रहा है। जाफराबाद तथा शियालबेट क्षेत्र में अच्छे से अच्छी ढाँचागत सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।
घोघा रो-रो फेरी सर्विस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जरिये सात लाख लोगों ने यात्रा की है और पचहत्तर हजार से अधिक ट्रकों, एक लाख से अधिक वाहनों का परिवहन हुआ है, जिसके कारण धन और समय की बचत हुई है तथा पर्यावरण को भी लाभ हुआ है।
श्री मोदी ने कहा कि जामनगर, मोरबी एवं राजकोट एक ऐसा त्रिकोण है, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की क्षमता है। इस त्रिकोण में आज मिनी जापान बनने की शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्षेत्र में स्पेन भारत में बड़ा निवेश कर रहा है, तब इससे गुजरात एवं राजकोट के उद्योगों को बड़ा लाभ होगा। सौराष्ट्र के लघु उद्योगों की तो पाँचों उंगलियाँ घी में हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास और विकसित गुजरात से विकसित भारत ही हमारा संकल्प है। आज दुनिया में भारत के लोगों का गौरव बढ़ा है। दुनिया के लोगों को भारत के लोगों की क्षमता का परिचय होने लगा है, जिसमें गुजरात की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। गुजरात ने यह दिखाया है कि देश के शहरों व गाँवों में कितना सामर्थ्य है।

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