Jharkhand : झारखंड के नौ जिलों के 45 लाख से अधिक बच्चों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान 12 अप्रैल से
रांची, 25 मार्च । झारखंड सरकार ने खसरा से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण अभियान की शुरूआत की है। खसरा से प्रभावित राज्य के नौ जिलों में 12 अप्रैल से इसका शुभारंभ किया जाएगा। इस विशेष अभियान में 09 महीने से लेकर 15 वर्ष तक के 45.5 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित नौ जिलों में विशेष टीकाकरण अभियान की घोषणा की है। राज्य के नौ जिलों कोडरमा, धनबाद, गिरिडीह, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर, दुमका, साहिबगंज में 12 अप्रैल से विशेष टीकाकरण अभियान चलेगा। 15 दिनों तक चलने वाले इस विशेष मिजल्स रूबेला वैक्सीनेशन अभियान में नौ महीने से लेकर 15 वर्ष तक के 45.5 लाख से अधिक बच्चों को खसरा का टीका लगाया जाएगा। यह वैक्सीन उन बच्चों को भी लगाया जाएगा, जो पहले वैक्सीन का डोज पूरा कर चुके हैं।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विद्यालयों में भी कैम्प लगाए जायेंगे। इस अभियान के तहत खसरा के टीके के साथ-साथ रूबेला का वैक्सीन भी दिया जाएगा, ताकि जन्म के साथ होने वाले विकारों से नवजात को बचाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार खसरा (मिजल्स) काफी तेजी से फैलने वाला वायरल संक्रामक बीमारी है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार संक्रामक बीमारी खसरा के बाद न्यूमोनिया होने पर सीवियर एक्यूट रेस्पाइरेट्री समस्या खतरनाक रूप ले लेता है। एक बार खसरा हो जाने के बाद बच्चा अपने पूरे जीवन में कई तरह की स्वास्थ्य समस्या से भी जूझता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी बच्चों का टीकाकरण है। शरीर पर चकत्ते, बुखार, खांसी खसरा के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण होने पर पीड़ित बच्चे को तुरंत डॉक्टर से दिखाया जाना चाहिए और उनकी सलाह अनुसार इलाज शुरू कर देना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को रुबेला का वैक्सीन देने से नवजात की जीवन रक्षा होती है। रुबेला के वैक्सीन नहीं लेने से स्टील बर्थ (मरे हुए बच्चे जन्म लेना) का खतरा बढ़ जाता है तो वहीं, कंजेनाइटल रुबेला सिंड्रोम, जिसमें दिल की समस्या, अंधापन जैसी समस्या होती है, इसका खतरा भी बढ़ जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार