HindiInternationalNewsPolitics

अमेरिका का यूनेस्को से फिर बाहर निकलने का ऐलान, इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह का लगाया आरोप

वॉशिंगटन/पेरिस, 22 जुलाई । अमेरिका ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2026 के अंत तक संयुक्त राष्ट्र की शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संस्था (यूनेस्को) से फिर से बाहर हो जाएगा। यह निर्णय संगठन पर इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए लिया गया है।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि यूनेस्को “विभाजनकारी सामाजिक और सांस्कृतिक एजेंडों” को बढ़ावा दे रहा है और “फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य का दर्जा देने का निर्णय अमेरिका की नीति के खिलाफ है। इससे संगठन में इजराइल विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा मिला है।”

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजूले ने अमेरिका के फैसले पर “गहरा खेद” जताया। हालांकि उन्होंने कहा कि “इस निर्णय की पहले से आशंका थी हमने इसके लिए तैयारी कर रखी है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के आरोप “यथार्थ से मेल नहीं खाते हैं”, और यूनेस्को ने होलोकॉस्ट शिक्षा और यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यूनेस्को में अमेरिकी हिस्सेदारी उसकी कुल बजट का लगभग 8 प्रतिशत है, और संगठन ने हाल के वर्षों में अपनी वित्तीय विविधता बढ़ाई है। अजूले ने स्पष्ट किया कि बजट में कटौती के बावजूद यूनेस्को अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को निभाता रहेगा, और फिलहाल किसी छंटनी की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “यूनेस्को का उद्देश्य दुनिया के सभी देशों का स्वागत करना है, और अमेरिका हमेशा हमारे लिए स्वागतयोग्य रहेगा। हम अमेरिका की निजी कंपनियों, शिक्षाविदों और सामाजिक संगठनों के साथ सहयोग जारी रखेंगे।”

यूनेस्को से यह तीसरी बार होगा जब अमेरिका अलग हो रहा है। इससे पहले वह 1984 में रीगन प्रशासन के दौरान हट चुका है, जब संगठन पर सोवियत प्रभाव और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। अमेरिका 2003 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में फिर से जुड़ा था। इसके बाद, अमेरिका ने 2018 में डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी यूनेस्को से नाता तोड़ा था, और 2023 में जो बाइडन प्रशासन के तहत दोबारा जुड़ा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *