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ब्रिटेन और अमेरिका से दोस्ती रंग लाई, ऑस्ट्रेलिया को मिलेंगी 3 परमाणु पनडुब्बियां

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  • चीन से मोर्चा लेने के लिए 368 अरब डॉलर खर्च कर रहा ऑस्ट्रेलिया

सैन डिएगो। चीन की विस्तारवादी नीतियों से मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ किया है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु संचालित तीन पनडुब्बियां मिलेंगी। चीन से मोर्चा के लिए ऑस्ट्रेलिया इस समझौते के तहत 368 अरब डॉलर खर्च कर रहा है।

दक्षिण चीन सागर से लेकर दुनिया भर में फैले व्यापार में चीन के हस्तक्षेप को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने 2021 में ऑकस की घोषणा की थी। इसी के तहत अमेरिका के सैन डिएगो में अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर एक समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हिस्सा लिया।

इस दौरान बाइडन ने 2021 ऑकस साझेदारी के तहत समझौते को एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया। तीनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया था कि समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया को 2030 तक तीन अमेरिकी वर्जीनिया क्लास की परमाणु-संचालित पनडुब्बियों की आपूर्ति की जाएगी। एक पनडुब्बी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद 2027 तक अमेरिका अपनी दो पनडुब्बियों को ऑस्ट्रेलिया के तटों पर तैनात करेगा।

तीनों नेताओं ने अपने बयान में कहा कि बहु-स्तरीय परियोजना ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियाई उत्पादन और पनडुब्बी के एक नए वर्ग के संचालन के साथ समाप्त होगी। एक ऑस्ट्रेलियाई रक्षा अधिकारी ने कहा कि परियोजना की लागत 2055 तक 368 अरब डॉलर होगी। चीन इस समझौते का विरोध कर रहा है और ऑकस की निंदा की है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन मिलकर चीन पर दबाव बनाना चाहते हैं। ब्रिटेन का कहना है कि ऑकस का यह समझौता नई नौकरियां पैदा करेगा और इसकी अर्थव्यवस्था की कम विकास दर को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

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