बिहार में श्रावण महीने में दिख रही शिवभक्ति के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति
मुजफ्फरपुर। भगवान शिव को अति प्रिय माने जाने वाले श्रावण महीने में ऐसे तो शिव भक्त अपने आराध्य महादेव की पूजा अर्चना में व्यस्त रहते हैं। लेकिन इस दौरान प्रदेश के कई स्थानों में शिव भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति भी देखने को मिल रही है।
भागलपुर के सुल्तानगंज का पवित्र पावन गंगा का तट हो या मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ मंदिर हो, कांवड़िया कांवड़ लिए शिव की भक्ति के साथ राष्ट्रभक्ति में भी डूबे दिखे।
बाबा गरीबनाथ मंदिर में भगवान के श्रृंगार पूजा के दौरान भारत का नक्शा बनाकर जय हिन्द लिखकर राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया गया।
उधर, सुल्तानगंज से प्रतिदिन हजारों कांवड़िए गंगाजल लेकर 105 किलोमीटर की यात्रा कर देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम जाते हैं, जहां भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
इस साल कांवड़ यात्रा कई मायनों में दिलचस्प है। कांवड़िए पूरे जोश में हैं। कोई भोले की भक्ति में सराबोर है तो कहीं देश भक्ति की बयार है। कांवड़ यात्रा में कई कांवड़ पर गंगा जल के साथ तिरंगा भी नजर आ रहा है। शिव भक्तों के कंधे पर भगवा रंग में रंगी कांवड़ और उस पर लगा तिरंगा लोगों का ध्यान खींच रहा है।
उत्तरवाहिनी गंगा तट से लेकर कच्चा पथ पर कांवड़िए ने कंधों पर उठाए कांवड़ों और हाथों में लहरा रहे तिरंगे से शिव भक्ति के साथ देशभक्ति की मिसाल पेश की।
तिरंगा लहराते चल रहे एक कांवड़िया ने कहा कि शिव भक्ति और देशभक्ति कांवड़ियों को उत्साहित करता है। जुलाई-अगस्त का महीना सनातन धर्म और देश दोनों के लिए खास होता है। इस माह में देश शहीदों के साथ आराध्य देव महादेव को भी याद करता है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा देश आजादी के जश्न में सराबोर होता है तो श्रावण महीने के कारण श्रद्धालु शिव भक्ति में लीन रहते हैं। ऐसे में इस श्रावणी मेले में दोनों की झलक दिख रही है।
इधर, गरीबनाथ मंदिर परिसर में भी राष्ट्रभक्ति और शिव भक्ति का नजारा देखने को मिल रहा है। यहां भारत माता और भगवान शिव के जयकारे रह-रहकर गूंजते हैं।
–आईएएनएस