झारखंड विधानसभा में विनोद सिंह ने उठाया राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मामला
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रांची। विधानसभा बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में माले विधायक विनोद सिंह ने अनुसूचित प्रश्न के जरिए राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में तीन सौ से ज्यादा जेआरएफ पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के अभाव में शोध निदेशक नहीं मिल रहे हैं। वहीं विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों के 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।
इस पर सरकार की ओर से मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि यह सही है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं, लेकिन शोध निदेशकों का अभाव नहीं है। उन्होंने बताया कि रांची विश्वविद्यालय में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 142 है, जबकि शोध निदेशक 92 हैं। वहीं विनोबा भावे विश्वविद्यालय में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 88 है, जबकि शोध निदेशकों की संख्या 42 है। सिद्धो कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 19 है, जबकि शोध निदेशकों की संख्या 63 है। शोध निदेशकों की राज्य में कमी नहीं है।
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का है, तो इसके लिए राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के मुख्यालय और अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को ईकाई मानकर आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा है। शिक्षकों की नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।