एयर इंडिया विमान हादसे का निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी : एएआईबी
नई दिल्ली, 17 जुलाई । एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ‘ड्रीमलाइनर’ के अहमदाबाद में हुए हादसे की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने गुरुवार को कहा कि इस हादसे का निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी। विमान के पायलट को जिम्मेदार ठहराने वाली मीडिया रिपोर्ट के बीच एएआईबी ने कहा कि यह समय भारतीय विमान की सुरक्षा को लेकर जनता में चिंता या आक्रोश पैदा करने का नहीं है।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के महानिदेशक जीवीजी युगंधर ने बयान में जनता और मीडिया से एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-171 ड्रीमलाइनर दुर्घटना पर जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष निकालने से बचने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि किसी भी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। अंतिम जांच रिपोर्ट मूल कारणों और सिफारिशों के साथ आएगी। बयान में कहा गया कि विमान दुर्घटना में मारे गए यात्रियों, चालक दल के सदस्यों एवं जमीन पर जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के सदस्यों की संवेदनशीलता का सम्मान करना जरूरी है।
एजेंसी ने 12 जुलाई को एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें दुर्भाग्यपूर्ण बोइंग 787-8 विमान (पंजीकरण वीटी-एएनबी) के दो पायलटों से संबंधित कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग की ओर ध्यान आकर्षित किया है। अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना की पिछले शनिवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद से दुनियाभर में इस बात पर चर्चा है कि आखिर इंजन में ईंधन का प्रवाह किसने रोका। शुरुआती जांच रिपोर्ट में दोनों पायलट के बीच बातचीत सामने आई थी, जिममें बातचीत के दौरान एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि उन्होंने फ्यूल क्यों बंद कर दिया, लेकिन दूसरे को-पायलट ने जवाब में कहा था कि उन्होंने फ्यूल नहीं बंद किया था।
एएआईबी ने कहा कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर पंजीकरण वीटी-एएनबी के साथ विमान हादसे की जांच को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पेशेवर ढंग से जारी रखा है। एजेंसी ने कहा कि जांच में उड़ान की स्थिति, ट्रैकिंग और ऐतिहासिक डेटा में अनुमानित और वास्तविक प्रस्थान और आगमन समय शामिल किया गया है। एएआईबी ने वीटी-एएनबी दुर्घटना को हाल के विमानन इतिहास में सबसे विनाशकारी दुर्घटनाओं में से एक बताते हुए अपने मजबूत रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला है, जिसमें 2012 में अपनी स्थापना के बाद से 92 दुर्घटनाओं और 111 गंभीर घटनाओं की जांच की गई है। इसने पुष्टि की है कि कई अन्य मामले भी समीक्षाधीन हैं।