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झारखंड विधानसभा : सरयू राय ने विधायकों की गिरफ्तार पर मुख्यमंत्री से पूछे सवाल

रांची, 1 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने पश्चिम बंगाल में कैश बरामदगी मामले से जुड़े झारखंड के तीन विधायकों की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके विधायक प्रतिनिधि ईडी की गिरफ्त में हैं और उनके प्रेस सलाहकार से पूछताछ के लिए समन किया गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री को चुप न रहकर बोलना चाहिए।

उन्होंने झारखंड की मौजूदा राजनीति को लेकर संस्कृत के एक श्लोक मौनं स्वीकृति: लक्षणम् को उदृत किया और कहा कि चुप्पी तोड़िये साहब, राज्य की छवि पहले ही खराब है। संसदीय राजनीति के लिहाज से झारखंड में यह विचित्र प्रकृति बन रही है, जो पूरे सिस्टम को खोखला कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाना चाहा, लेकिन स्पीकर ने उसे पढ़ने की इजाजत नहीं दी। पूरा मामला गंभीर है, कैश के स्रोत का पता लगाया जाना उतना ही जरूरी है, जितना कैश का पकड़ा जाना।

सरयू राय ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को देख ऐसा लगता है, जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हीं ने इसे उजागर करवाने का भी काम किया है। उन्होंने इसे राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने से जोड़ा और साथ ही कहा कि कैश मामले में अब चूंकि एफआईआर दर्ज हो गयी है, तो उस लिहाज से अच्छे मकसद के लिए केंद्रीय एजेंसियां ईडी और सीबीआई को भी हस्तक्षेप करना चाहिए।

अनाड़ी पकड़े गए, खिलाड़ी सदन के अंदर: सीपी सिंह

कैश प्रकरण पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस आदिवासी विरोधी और अल्पसंख्यक के नाम पर वोट बटोरने वाली पार्टी है। अगर ऐसा न होता तो उसके दो आदिवासी और एक अल्पसंख्यक मंत्री कैश प्रकरण में फंसाये नहीं गए होते। मॉनसून सत्र में भाग लेने के पहुंचे विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस का ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स से करीबी नाता रहा है। 48 लाख में उसके तीन विधायकों की नीलामी हो रही है, इस बात से ज्यादा हैरत की बात और क्या होगी। उन्होंने इस पूरे मामले में कहा कि अनाड़ी लोग पकड़े गए हैं, जबकि इस खेल के असली खिलाड़ी सदर के अंदर ही मौजूद हैं।

सीपी सिंह ने कहा उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा और झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे को भी निशाने पर लिया और कहा कि उनके अपने ही विधायक उनके नियंत्रण में नहीं हैं, उन्हें बोलने की नैतिकता नहीं है। ऑपरेशन लोटस को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा की विपक्षी विधायकों को सपने में भी कमल दिखाई देता है, इसलिए वह ऐसी बातें करते हैं। भाजपा का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि जल्द ही केंद्रीय एजेंसियां इस पूरे प्रकरण की जांच हुए अपने हाथ में लेगी।

(हि.स.)

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