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अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर में शांति स्थापित हुई : शाह का दावा

श्रीनगर 22 मार्च : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति होने के बाद शांति स्थापित हुई है।

श्री शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास मां शारदा देवी मंदिर का उद्घाटन करने के बाद ये बातें कही। किशनगंगा नदी के तट पर टीटवाल में स्थित इस मंदिर का निर्माण पीओके में शारदापीठ मंदिर की सदियों पुरानी तीर्थयात्रा को पुनर्जीवित करने के लिए किया गया है।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि मंदिर खुलने के साथ ही कश्मीर घाटी और जम्मू एक बार फिर से अपनी पुरानी सभ्यता और परंपराओं की ओर वापस लौट रहे हैं।

उन्होंने दावा किया,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर में शांति स्थापित हुई है। कश्मीर घाटी और जम्मू एक बार फिर अपनी पुरानी परंपराओं, सभ्यता और गंगा-जमुनी तहजीब की ओर वापस लौट रहे हैं।”

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू कश्मीर का सामाजिक और आर्थिक रूपान्तरण करने वाली प्रतिबद्धता के अनुरुप ही सभी क्षेत्रों में काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत 123 चिन्हित स्थलों पर जीर्णोद्धार और मरम्मत का कार्य चल रहा है, जिसमें कई मंदिर और सूफी स्थल शामिल हैं।

श्री शाह ने कहा कि पहले चरण में 65 करोड़ रुपये की लागत से 35 स्थानों का नवीनीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं सूफी संतों के 75 स्थलों को चिन्हित करके 31 मेगा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में 20 सांस्कृतिक उत्सव भी आयोजित किए जा रहे हैं जो हमारी पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने में सहायता प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

गृहमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देने से की। उन्होंने कहा कि आज नववर्ष के अवसर पर मां शारदा के नवनिर्मित मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है जो पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि मां शारदा के मंदिर का लोकार्पण एक नए युग की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि शारदा पीठ के तत्वावधान में इस मंदिर की वास्तुकला और निर्माण को पौराणिक शास्त्रों के अनुसार रखा गया है।

उन्होंने कहा कि 24 जनवरी को श्रृंगेरी मठ द्वारा दान की गई मां शारदा की मूर्ति और आज इसकी स्थापना एक यात्रा जैसी रही है। उन्होंने कहा कि कुपवाड़ा में मां शारदा मंदिर का पुनर्निर्माण शारदा-सभ्यता की खोज और शारदा-लिपि के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है।

श्री शाह ने कहा कि एक समय शारदा पीठ को भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञान का केंद्र माना जाता था, तब पूरे देश के विद्वान यहां शास्त्रों और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे। उन्होंने कहा कि शारदा लिपि कश्मीर की मूल लिपि है, जिसका नाम मां शारदा के नाम पर रखा गया है। यह महाशक्ति पीठों में से एक है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सती का दाहिना हाथ यहीं पर गिरा था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शारदा पीठ करतारपुर गलियारे की तरह ही भारतीय सांस्कृति, धार्मिक और शैक्षणिक विरासत का ऐतिहासिक केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार श्रद्धालुओं के लिए शारदा पीठ खोलने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

श्री शाह ने कहा कि जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने पूरे उत्साह के साथ प्रधानमंत्री श्री मोदी की सभी प्रमुख योजनाओं को लागू किया है, वह प्रशंसनीय है। सेव शारदा कमेटी (एसएससी) के प्रमुख रविंदर पंडित ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने मंदिर में हवन और पूजा की।

उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि 75 वर्षों के बाद टीटवाल में किसी मंदिर और गुरुद्वारा का उद्घाटन हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह पूरे कश्मीरियों और उन लोगों के लिए गर्व का क्षण है जो नवरात्रि के पहले दिन इसके उद्घाटन अवसर पर यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां आने वाले सभी लोग खुशी से झूम रहे हैं और इसे केवल एक मंदिर के रूप में नहीं बल्कि एक खजाना के रूप में देखना चाहिए।

अभय.संजय

वार्ता

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