सागर द्वीप के दक्षिण में डूबा जहाज आईटीटी प्यूमा, आईसीजी ने बचाई 11 लोगों की जान
- दो जहाजों सारंग और अमोघ ने डोर्नियर विमानों के साथ रातभर चलाया बचाव अभियान – अभी भी चालक दल के शेष तीन सदस्यों की तलाश में चलाया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
नई दिल्ली। कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर जाते समय सागर द्वीप के दक्षिण में 90 समुद्री मील की दूरी पर मालवाहक जहाज एमवी आईटीटी प्यूमा सोमवार रात डूब गया लेकिन भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने रात्रि अभियान चलाकर तड़के 11 लोगों की जान बचा ली। आईसीजी के दो जहाजों सारंग और अमोघ ने डोर्नियर विमानों के साथ रातभर समन्वित समुद्री-वायु राहत एवं बचाव कार्य चलाया।
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि चेन्नई स्थित समुद्री खोज एवं बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) को 25 अगस्त की शाम को 04.25 बजे एमवी आईटीटी प्यूमा से एक संकटकालीन ई-मेल प्राप्त हुआ। इसके जवाब में कोलकाता के आईसीजी क्षेत्रीय मुख्यालय (उत्तर पूर्व) ने तत्काल खोज और बचाव कार्यों के लिए दो आईसीजी जहाजों सारंग और अमोघ के साथ एक डोर्नियर विमान को तैनात किया। उन्नत रात्रि-सक्षम सेंसरों से लैस डोर्नियर विमान 07.50 बजे क्षेत्र में पहुंचा और लापता चालक दल की खोज शुरू की। आईसीजी के जहाजों और विमान ने लगभग 08.15 बजे समुद्र में बहते हुए जहाज का पता लगाया।
समुद्र की गहराई में डूब रहे संकटग्रस्त जहाज के चालक दल जिन्दा रहने की कोशिश में लाल फ्लेयर्स दाग रहे थे, जिन्हें आईसीजी के विमान ने देखा और तुरंत प्रतिक्रिया दी। संपर्क स्थापित होने के साथ विमान ने दोनों आईसीजी जहाजों को जीवित बचे लोगों के स्थान की ओर निर्देशित किया। इसके साथ ही 25 अगस्त की देर रात अभूतपूर्व और व्यापक समुद्र-वायु समन्वित रात्रि खोज और बचाव (एसएआर) अभियान शुरू हुआ। रातभर चले बचाव एवं राहत कार्यों के बाद 26 अगस्त की तड़के चालक दल के ग्यारह सदस्यों को बचाने में कामयाबी मिल गई।
उन्होंने बताया कि समुद्र में डूबा एमवी आईटीटी प्यूमा मुंबई में पंजीकृत सामान्य मालवाहक जहाज था, कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर के रास्ते पर था। इसी दौरान सागर द्वीप के दक्षिण में 90 समुद्री मील की दूरी पर डूब गया। प्रतिकूल मौसम और खराब समुद्री परिस्थितियों के बीच आईसीजी जहाजों सारंग और अमोघ के साथ-साथ आईसीजी डोर्नियर विमान ने एसएआर ऑपरेशन को अंजाम दिया। अभी भी चालक दल के शेष तीन सदस्यों की तलाश में ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसमें आईसीजी के जहाज और विमान सक्रिय हैं।